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रिपोर्ट का दावा - सुरक्षा बलों से घबराए नक्सलियों ने अपने असलहे में जोड़े ये नए हथियार

सुरक्षाबलों को उनके गश्ती कुत्तों के प्रति नये खतरों से चौकन्ना कर दिया गया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 06, 2018 18:39 IST
सुरक्षा बल के जवान।- India TV Hindi
Image Source : PTI सुरक्षा बल के जवान।

नई दिल्ली: नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए अपने देशी असलहे के तहत ‘ रैम्बो एरो ’ और ‘ रॉकेट बम ’ जैसे कुछ बहुत ही घातक हथियार हाल में विकसित किये हैं। वाम चरमपंथ की उभरती प्रवृतियों पर एक नवीनतम रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। देशी बम खतरों पर संयुक्त सुरक्षा कमान की रिपोर्ट के अनुसार माओवादियों ने सुरक्षाबलों के खोजी कुत्तों को बमों का पता लगाने और अपने मास्टर को उसकी सूचना देने में चकमा देने के लिए देशी बम को गोबर में छिपाने का एक स्मार्ट तरीके का इजाद किया है।

 इस रिपोर्ट में कहा गया है , ‘‘2017 की पहली तिमाही में कई ऐसे मौके आए जब सुरक्षाबलों के खोजी कुत्ते मारे गये या घायल हुए क्योंकि जब वे छिपे हुए देशी बम का पता लगा रहे थे तब उन्हें गोबर की बदबू से झुंझलाहट हो रही थी और इसी बीच देशी बम फट गये। ’’ पिछले साल झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के देशी बम के कारण ‘ ओसामा हंटर ’ नाम से विख्यात दो कुत्ते मारे गये जिसके बाद सुरक्षाबलों ने इन असामान्य घटनाओं की जांच का आदेश दिया। संदेह है कि देशी बमों को गोबर में छिपाने का तरीका घातक साबित हुआ और कुत्तों की जान चली गयी। ये कुत्ते देशी बमों का पता लगाने और सुरक्षाकर्मियों की जान बचाने में अहम समझे जाते हैं। सुरक्षाबलों को उनके गश्ती कुत्तों के प्रति नये खतरों से चौकन्ना कर दिया गया है। वाम चरमपंथ में देशी बम हाल के वर्षों में सबसे बड़ा घातक के रुप में उभरा है क्योंकि उनकी वजह से विभिन्न राज्यों में सैंकड़ों सुरक्षाकर्मियों की जान चली गयी। रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में एक नयी तकनीक देखी गयी है , वह भाकपा माओवादियों द्वारा रैम्बो एरो का इस्तेमाल है।  

रिपोर्ट में कहा गया है , ‘‘ एरो के अगले हिस्से पर कम क्षमता वाला गन पाउडर या पटाखा पाउडर होता है। निशाना पर लगने के बाद उसमें धमाका होता है। रैम्बो एरो बहुत ज्यादा नुकसान नहीं करता है लेकिन ढेर सारी उष्मा एवं धुंआ छोड़कर सुरक्षाकर्मियों का ध्यान बंटाता है। ऐसे में माओवादियों के लिए उन पर घातक वार करने और उनके हथियार लूटने में आसानी हो जाती है। ’’ रिपोर्ट के हिसाब से इसके अलावा नक्सलियों ने देशी मोर्टार और रॉकेट भी विकसित किये हैं। निशाना पर लगने के बाद एक धमाका होता है और उसका बहुत बड़ा असर होता है।

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