रांची। तीन वर्ष पूर्व 2016 में 15 और 16 दिसंबर की मध्य रात्रि को दीपा टोली इलाके में इंजीनियरिंग की एक छात्रा को दुष्कर्म के बाद जलाकर मारने वाले मुख्य आरोपी राहुल राज को द्रुत गति से की गयी एक माह की अदालती सुनवाई के बाद आज फांसी की सजा सुनायी गयी। सीबीआई की एके मिश्रा की एक विशेष अदालत ने इस मामले में मुख्य आरोपी राहुल राज को आज फांसी की सजा सुनायी और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने उसे कल दोषी करार दिया था। वर्ष 2016 के इस मामले को 28 मार्च, 2018 को सीबीआई को सौंपा गया था और लगभग 15 माह की जांच के बाद सीबीआई ने जून, 2019 में इस मामले का उद्भेदन किया और लखनउ से राहुल राज को धर दबोचा।
जांच में पता चला कि राहुल अपराध की दुनिया में रचा बसा था और दिसंबर, 2016 में इस नृशंस घटना को अंजाम देकर वह लखनउ भाग गया था। सीबीआई ने हत्याकांड के आसपास की बस्ती के लोगों की डीएनए प्रोफाइलिंग करके और घटनास्थल पर रांची की निर्भया के शव और कपड़ों से बरामद डीएनए सैंपल से उसका मिलान कर राहुल राज को दबोचा।
इससे पूर्व रांची पुलिस इस मामले की जांच में हवा में तीर चलाती रही और लगभग डेढ़ वर्ष तक उसे इस मामले में कोई सुराग नहीं मिल सका जिससे उसकी भारी फजीहत हुई थी। अदालत ने इस वर्ष अक्तूबर अंत में राहुल के खिलाफ आरोप तय किये थे और लगातार सुनवाई कर महज एक माह में 16 दिनों की सुनवाई में तीस गवाहों की गवाहियां करवाईं और शुक्रवार को उसे दोषी करार दिया था।