अहमदाबाद: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को कहा कि देश में विकास सुनिश्चित करने के लिए जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाए जाने की आवश्यकता है और उनकी पार्टी एक बच्चे की नीति बनाने की पैरवी करती है। गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की हिन्दुओं की आबादी से संबंधित टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर आठवले ने कहा कि हिन्दू आबादी के कम होने की कोई संभावना नहीं है।
पटेल ने कहा था कि देश में लोग तभी तक संविधान और धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात कर पाएंगे, जब तक हिन्दुओं की बहुलता है। उन्होंने कहा था कि यदि हिन्दुओं की संख्या घटी और दूसरे धर्म के लोगों की संख्या बढ़ी तो देश में अदालतें, लोकसभा, संविधान, धर्मनरिपेक्षता जैसी चीजें नहीं रहेंगी और ये खत्म हो जाएंगी।
आठवले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हिन्दुओं की आबादी कम होने का कोई सवाल है। हिन्दू लोग हिन्दू रहें और मुसलमान लोग मुसलमान रहें। मुश्किल से एक या दो हिन्दू या मुसलमान धर्म परिवर्तन करते हैं। संविधान लोगों को उनकी पसंद का काम करने का अधिकार देता है, लेकिन कोई भी किसी को धर्मांतरण के लिए विवश नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा कि हिन्दुओं और मुसलमानों की आबादी में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा और ऐसा नहीं है कि मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ी है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले समूह) के नेता ने कहा, ‘‘देश के विकास के लिए जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता है, चाहे वह हिन्दुओं की आबादी हो या मुसलमानों की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम एक परिवार, एक बच्चे की नीति अपनाएं तो हम जनसंख्या नियंत्रण में सफल होंगे। अभी कहा जाता है कि ‘हम दो, हमारे दो’, हमारी पार्टी का रुख यह है कि ‘हम दो, हमारा एक’ के लिए कानून होना चाहिए।’’ आठवले ने कहा कि वह इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाएंगे।
गुजरात में दलितों के कथित उत्पीड़न संबंधी घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर दलित नेता ने कहा कि वह मुद्दे को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के समक्ष उठाएंगे। आठवले ने यह भी कहा कि आरक्षण उन लोगों के लिए होना चाहिए जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम है।
उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चार राज्यों-उत्तर प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा में जीतेगी तथा तथा उनकी पार्टी इन सभी राज्यों में भाजपा का समर्थन करेगी। आठवले ने पंजाब को अपवाद बताया, जहां भाजपा का शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन टूट गया है।