नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री रामदास अठावले एकबार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार रामदास अठावले अपनी किसी हंसी ठिठोली नहीं बल्कि राजधानी नई दिल्ली स्थित JNU विश्वविद्यालय से संबंधित एक मांग को लेकर खबरों में हैं। रामदास अठावले ने JNU VC से मांग की है कि वो विश्वविद्यालय कैंपस में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगवाएं। इसको लेकर उन्होंने JNU VC को पत्र भी लिखा है। रामदास अठावले ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, "JNU विश्वविद्यालय में बुहत सारी प्रतिमाएं हैं लेकिन डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा नहीं है। मैंने वीसी को पत्र भेजा है कि जेएनयू में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को आंदोलन करना पड़ेगा।"
राष्ट्रीय अध्यक्ष आठवले ने कहा, "जेएनयू के विद्यार्थियों ने कैंपस में डॉ अंबेडकर की मूर्ति लगाने की मांग मुझसे मांग की थी, जिसके नाते मेरा सुझाव है कि स्वामी विवेकानंद की तरह डॉ. आंबेडकर की मूर्ति जेएनयू कैंपस में लगने से अच्छा संदेश जाएगा।" उन्होंने कहा कि कहा है कि जेएनयू में देश के कोने-कोने के मेधावी और प्रतिभाशाली छात्र पढ़ने आते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर, भारत के आधुनिक निर्माताओं में हैं। उनके विचार व सिद्धांत भारतीय राजनीति और सामाजिक व्यवस्था के लिए हमेशा प्रासंगिक हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने आजीवन सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। वह देश में ऐसी राजनीतिक व्यवस्था के पक्षधर थे, जिसमें सभी को समानता मिले और धर्म, जाति, रंग तथा लिंग आदि के आधार पर किसी के प्रति भेदभाव न किया जाए। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना भी इसी मकसद से हुई है। जिस तरह से विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति स्थापित हो, उसी तरह से डॉ. आंबेडकर की भी मूर्ति लगनी जरूरी है।
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