नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने के मौके पर इंडिया टीवी ने विशेष कार्यक्रम 'मंत्री सम्मेलन' का आयोजन किया जिसमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कई सवालों के जवाब दिए। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि लॉकडाउन के दौरान रामायण के प्रसारण के पीछे क्या योजना थी? इसपर उन्होनें कहा कि लॉकडाउन जैसे ही शुरू हुआ तो मेरे ध्यान में आया कि लोग घर पर रहेंगे तो टीवी ज्यादा से ज्यादा देखेंगे, तो ये जैसे ध्यान में आया तो सोचा गया कि सबकी पसंद के अच्छे कार्यक्रम हों और अनायास ही रामायण और महाभारत का नाम आया
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके बाद हमने रामानंद सागर के बेटे से बात की, बीआर चोपड़ा के परिवार से बात की और रामायण महाभारत का मार्ग प्रसारण किया गया और दोनो कार्यक्रम शुरू हुए दोनो कार्यक्रम बहुत सफल हुआ और दुनिया ने उसका सज्ञान लिया। रामायण कहीं धर्म का मुद्दा नहीं यह भारत की विरासत है और सांस्कृतिक धरोहर है, इंडोनेशिया इसस्लामिक देश है लेकिन वहां रामायण चलता है मलेशिया में होता है क्योंकि यह एक सांस्कतृतिक धरोहर है।