नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि गरीबों के लिए खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ‘नकारात्मक सोच’ नहीं रखनी चाहिए। दरअसल, राहुल गांधी ने चावल से इथेनॉल बनाने को लेकर केंद्र के फैसले की आलोचना की है। सरकार ने कहा है कि इथेनॉल का इस्तेमाल अल्कोहल आधारित सेनेटाइजर के निर्माण में और पेट्रोल में मिश्रित करने में हो सकता है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश में गरीब भूखे मर रहे हैं और उनके हिस्से के चावल से सेनेटाइजर बनाकर अमीरों की मदद की जा रही है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि आखिर देश का गरीब कब जागेगा? इस पर, पासवान ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या वह चाहते हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग सेनेटाइजर और मास्क का इस्तेमाल ना करें।
पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत जब कोरोना वायरस से लड़ रहा है, क्या वह (राहुल) चाहते हैं कि केवल अमीर ही सेनेटाइजर और मास्क का इस्तेमाल करे? क्या गरीबों को मरने के लिए छोड़ दिया जाए? हमने पहले से योजना बना रखी थी ताकि इतने सेनेटाइजर हों कि गरीब भी उसका इस्तेमाल कर सके। उन्हें अपनी नकारात्मक सोच छोड़ देनी चाहिए, यह देश के लिए खतरनाक है।’’
सत्तारूढ़ भाजपा नीत गठबंधन के सूत्रों ने कहा है कि राहुल गांधी को जवाब देने के लिए पासवान को सामने लाने का फैसला किया गया क्योंकि यह मुद्दा उनके मंत्रालय से जुड़ा है और वह इस मुद्दे पर भरोसेमंद आवाज के तौर पर देखे जाते हैं। उपभोक्ता मामले,खाद्य और जन वितरण मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार गरीबों के लिए समर्पित है और जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के 81 करोड़ लाभार्थियों को आपूर्ति के लिए अनाज का 18 महीने का भंडार है। पासवान ने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता है कि कोई भी भूखा ना रहे । मुझे लगता है यह कहना गलत है कि सेनेटाइजर और मास्क अमीरों के इस्तेमाल के लिए है। हम चाहते हैं कि गरीब भी इसका इस्तेमाल करे।’’
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता ने कहा कि राहुल गांधी को इसके बजाय जाकर देखना चाहिए कि कहां गरीब लोग भूखे हैं और राज्य या केंद्र के संज्ञान में इसे लाना चाहिए । गांधी ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आखिर हिंदुस्तान का गरीब कब जागेगा? आप भूखे मर रहे हैं और वे आपके हिस्से के चावल से सेनेटाइजर बनाकर अमीरों के हाथ की सफाई में लगे हैं।’’