नई दिल्ली: अयोध्या विवाद पर आम सहमति बनाने की कोशिशों में जुटे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने आज अपनी मुहिम के दूसरे चरण की शुरुआत की और इसी सिलसिले में उन्होंने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक अयोध्या विवाद को कोर्ट से बाहर सुलझाने के लिए एक कॉर्डिनेशन कमेटी बन सकती है जिसके चेयरमैन श्रीश्री रविशंकर होंगे। श्रीश्री की कोशिश है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर आम सहमति से मंदिर बन जाए औऱ मस्जिद भी बन जाए। इस मामले पर श्रीश्री रविशंकर पिछले कई दिनों से लगातार दोनों पक्षों के साथ-साथ सियासी लोगों से मिल रहे हैं और आज लखनऊ में अयोध्या विवाद का हल निकलाने के लिए दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, शिवसेना, बीएचपी, आरएसएस औऱ इमाम काउंसिल जैसे संगठनों से भी मुलाकात करेंगे।
इसी बीच शिया वक्फ बोर्ड ने राम मंदिर पर अपने प्रस्ताव का एक मसौदा पेश किया है। शिया वक्फ बोर्ड ने एक पोस्टर जारी किया है जिसमें खेतों के बीच राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की फोटो है। फोटो के ऊपर एक साधु और एक मौलवी एक-दूसरे को गले लगाते दिख रहे है। शिया वक्फ बोर्ड के इस प्रस्ताव के बीच श्री श्री रविशंकर अयोध्या जा रहे हैं लेकिन रास्ते में आज वो लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात करेंगे।
श्री श्री रविशंकर को मंगलवार को केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलना था लेकिन आखिरी मौके पर मुलाकात नहीं हो पाई। इस बीच शिया वक्फ बोर्ड ने रविशंकर का स्वागत किया है। रविशंकर 16 तारीख को अयोध्या पहुंच कर राम मंदिर से जुड़े अलग-अलग पक्षों के प्रतिनिधि से बात करेंगे उसके बाद कई बातें साफ हो सकती हैं।
वहीं योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा था कि पिछली सरकारों ने अयोध्या के गौरव के साथ खिलवाड़ किया। लेकिन अब ऐसा नही होगा। उन्होंने साफ कहा कि वर्तमान सरकार अयोध्या को उसका गौरव वापस दिलाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।
निकाय चुनाव के तहत एक जनसभा को सम्बोधित करने अयोध्या पहुंचे योगी ने यह बातें कही। योगी ने कहा, "पिछली सरकारों ने अयोध्या के साथ भेदभाव किया। इसके गौरव को छुपाने की कोशिश की गई। लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद अयोध्या व मथुरा को नगर निगम का दर्जा दिया गया।"