नई दिल्ली: ना बेबी, ना बेटा, डेरा में सिर्फ बाबा ही बाबा। जी हां, राम रहीम ही रहेगा डेरा का बॉस। अधर्मी बाबा जेल से ही डेरा की बागडोर संभालेगा। डेरा मुखी बनने की दौड़ में सबसे आगे थे राम रहीम के बेटे जसमीत और उसकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत। दोनों में एक तरह से टक्कर थी लेकिन अब ये तय हो गया है कि राम रहीम ही डेरा प्रमुख रहेगा। इस बारे में खुद जसमीत ने ही सबकुछ साफ कर दिया है। राम रहीम के बेटे जसमीत ने एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें उसने ये साफ-साफ लिखा है कि उसकी इच्छा डेरा मुखी बनने की नहीं है। डेरा प्रमुख राम रहीम है और राम रहीम ही डेरा प्रमुख बने रहेंगे।
राम रहीम के जेल जाने के बाद ये लगने लगा था कि डेरे पर उसकी पकड़ कम हो जाएगी और कोई दूसरा डेरे का प्रमुख बन जाएगा लेकिन हुआ उलटा। डेरा सच्चा सौदा ने ये फैसला किया है कि राम रहीम चाहे रेप का दोषी हो या फिर मर्डर का, डेरे का कर्ताधर्ता वही रहेगा। जसमीत ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि गद्दी पर बैठने की कोई इच्छा नहीं है।
“कुछ दिनों से टीवी और समाचार पत्रों में मनगढंत प्रचार और पूज्य गुरू जी की गुरूगद्दी के संबंध में समाज में शरारती तत्वों ने दुष्प्रचार फैलाना शुरू कर दिया है जिसका मुझे बेहद दुख है। पूज्य गुरू जी राम रहीम डेरा सच्चा सौदा की गुरूगद्दी पर आसीन हैं और वही रहेंगे। जो लोग भ्रामक और झूठा प्रचार कर रहे हैं उनसे मेरी अपील है कि मानवता और भलाई के कामों को फैलाएं। गुरूगद्दी की मेरी कभी इच्छा नहीं रही और न ही मैं कभी ऐसा सोच सकता हूँ।“
आखिर जसमीत को ऐसे प्रेस नोट जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या डेरे में सबकुछ ठीक चल रहा है? क्या राम रहीम के कहने पर जसमीत ने ऐसा कहा? खबरों के मुताबिक, इस पूरे एपीसोड के पीछे है जसमीत की दादी और राम रहीम की मां नसीब कौर। दरअसल नसीब कौर चाहती है कि डेरे की गद्दी किसी और को नहीं बल्कि जसमीत को मिले। इसके लिए राम रहीम की रजामंदी भी जरूरी है लेकिन वो जेल में बंद है इसलिए फिलहाल कोई फैसला नहीं ले सकता। ऐसे में जब तक बाबा जेल में है, उसे ही डेरामुखी बनाए रखे जाने पर सहमति है।
अगले स्लाइड में डेरे की गद्दी के दावेदारों में जसमीत, हनीप्रीत के अलावा एक और नाम है अहम.....