नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि राम मंदिर के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाएगा। ट्रस्ट का कामकाज केंद्र सरकार देखेगी। अदालत ने कहा कि 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी। साथ ही निर्मोही अखाड़े को मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में जगह दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अयोध्या मामले पर अंतिम फैसला पढ़ते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाए। मुस्लिम पक्ष अपना मालिकाना हक साबित नहीं कर पाया। हिंदुओं का बाहरी चबूतरे पर अधिकार था। हिंदुओं की यह अविवादित मान्यता है कि भगवान राम का जन्म गिराई गयी संरचना में ही हुआ था।