जयपुर. पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होना है। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे। अयोध्या में होने वाले इस कार्यक्रम में राजस्थान के 55 मंदिर, मठ, आश्रम और तीर्थ क्षेत्रों की रज कण (पवित्र मिट्टी) नींव में डाली जाएगी। विश्व हिन्दू परिषद ने सभी स्थानों की मिट्टी एकत्र कर शुक्रवार को जमनालाल बजाज मार्ग स्थित भारत माता मंदिर में रज कणों का पूजन किया।
विहिप के संत-महंतों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने रज कणों पर पुष्प अर्पित किए। ये रज कण शनिवार सुबह डाक से अयोध्या भेजे जाएंगे। इस मौके पर संगोष्ठी भी हुई। विभिन्न वक्ताआं ने राम मंदिर निर्माण के संघर्षकाल और विकास यात्रा पर प्रकाश डाला।
प्रान्त प्रचार प्रमुख अभिषेक सिंह ने बताया कि संगोष्ठी को विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय सह मंत्री नरपत सिंह शेखावत, विहिप के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय, विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य सियारामदास, विहिप के पूर्व संगठन मंत्री महंत डॉ. बसंतानंद महाराज, विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत अध्यक्ष प्यारेलाल ने संबोधित किया।
राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में विहिप के पांच पदाधिकारी शामिल होंगे, ये सभी केन्द्र से होंगे। आगे धन संग्रहण की जिम्मेदारी मिलेगी, विहिप उसके लिए तैयार है।
ये हैं प्रमुख मंदिर:
जयपुर से मोती डूंगरी गणेशजी, गोविंद देवजी, गलता पीठ, घाट के बालाजी, शिलामाता, झूलेलाल मंदिर अमरापुर, श्री ताड़केश्वर महादेव मंदिर,त्रिवेणी धाम, शाकंभरी माता सांभर, ज्वाला माता मंदिर जोबनेर, वीर हनुमान मंदिर सामोद, पंचखंड पीठ विराटनगर, सीकर जिले से खाटूश्याम जी, रेवासा पीठ, जीणमाता मंदिर, चूरू जिले से सालासर बालाजी, ददरेवा धाम राजगढ़, झुंझुनूं जिले से रानी सती मंदिर, सूर्य मंदिर लोहार्गल, शाकंभरी माता मंदिर उदयपुरवाटी, अलवर जिले से भर्तृहरि धाम पांडुपोल, दौसा जिले से मेहंदीपुर बालाजी, करौली जिले से मदन मोहन जी मंदिर, कैला माता मंदिर, सवाई माधोपुर जिले से त्रिनेत्र गणेश जी, टोंक जिले से डिग्गी कल्याण जी।