नई दिल्ली: जाने-माने वकील, राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का रविवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके पुत्र महेश जेठमलानी ने बताया कि जेठमलानी ने नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास में सुबह 08:45 पर अंतिम सांस ली। महेश और उनके अन्य निकट संबंधियों ने बताया कि उनकी तबियत कुछ महीनों से ठीक नहीं थी। आइए, जानते हैं जेठमलानी के उन मुकदमों के बारे में, जिन्होंने उन्हें देश के सबसे मशहूर वकीलों में से एक बना दिया:
दिग्गज वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन, लंबे समय से थे बीमार
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केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार: राम जेठमलानी बतौर वकील 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार केस लड़कर पूरे देश में चर्चित हो गए। जेठमलानी ने यह केस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (वाईवी चंद्रचूड़) के साथ लड़ा था, जो आगे चलकर देश के चीफ जस्टिस भी बने थे। इस केस ने जेठमलानी को पूरे देश में पहचान दिला दी।
इंदिरा के हत्यारों का केस: जेठमलानी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों सतवंत सिंह और केहर सिंह का भी केस लड़ा था। जेठमलानी ने यह फैसला तब किया जब हत्यारों की पैरवी के लिए एक भी वकील सामने नहीं आया।
अफजल गुरु का केस: राम जेठमलानी ने 2001 में संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु का मुकदमा भी लड़ा था। उन्होंने अफजल को फांसी की सजा बदलने की मांग की थी। साथ ही जेठमलानी ने सरकार पर आरोप लगाया था कि गुरु को उसका मनचाहा वकील नहीं दिया गया और उसके खिलाफ सही तरीके से मुकदमा नहीं चलाया गया।
राजीव के हत्यारोपियों का केस: जेठमलानी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आरोपी वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन की भी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की। 2015 में दी गई उनकी यह दलील पर विवाद भी हुआ था कि राजीव गांधी की हत्या 'भारत के खिलाफ अपराध' नहीं है।
चारा घोटाला: पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी ने चारा घोटाला से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए 2013 में पैरवी की थी। आपको बता दें कि जेठमलानी वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल से ही सांसद भी थे।
हवाला डायरी कांड: दिग्गज वकील जेठमलानी ने हवाला डायरी कांड में भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से भी पैरवी की थी।
केजरीवाल का केस: राम जेठमलानी ने कुछ महीने पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मानहानि का केस भी लड़ा था। इसी केस के दौरान फीस को लेकर केजरीवाल के साथ आरोप-प्रत्यारोप भी हुआ था।
जयललिता और कनिमोझी का केस: जेठमलानी ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जे. जयललिता का आमदनी से अधिक संपत्ति का केस भी लड़ा। इसके अलावा उन्होंने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की पुत्री और सांसद कनिमोझी का केस भी लड़ा, जिनके ऊपर 2जी स्पेक्ट्रम केस में 214 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा था।
मनु शर्मा और अंसल बंधुओं के भी वकील: राम जेठमलानी जेसिका लाल मर्डर केस में मनु शर्मा और उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से भी पेश हुए थे।
अमित शाह का केस भी लड़ा: जेठमलानी सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से भी अदालत में पेश हो चुके हैं।
माफिया डॉन के लिए भी लड़े: राम जेठमलानी ने 1960 के दशक में मुंबई के मशहूर डॉन हाजी मस्तान के स्मगलिंग से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी की थी।
इसके अलावा जेठमलानी शेयर बाजार के दलाल हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव में अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने 2जी घोटाले में यूनीटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा की सुप्रीम कोर्ट से जमानत कराई थी। साथ ही वह 2013 में नाबालिग लड़की के रेप के आरोपी आसाराम बापू के केस समेत कई हाई प्रोफाइल मामलों में वकील रहे थे।