जींद। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत एक बार फिर से सरकार को धमकी देने लगे हैं। बुधवार को जींद में हुई महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार अगर तीनों कानून वापस नहीं लेती है तो उसका सत्ता में रहना मुश्किल होगा। राकेश टिकैत का यह आक्रामक रूप कई दिनों के बाद देखने को मिला है। 26 जनवरी को जब ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हिंसा हुई थी और कई लोग लालकिले पर पहुंच गए थे तो राकेश टिकैत किसान आंदोलन को लेकर रक्षात्मक मुद्रा में आ गए थे, उसके बाद उनका एक रोने वाला वीडियो भी सामने आया था और उसकी वजह से उन्हें एक बार फिर से समर्थन मिला। अब राकेश टिकैत एक बार फिर से सरकार से धमकी भरे अंदाज में बात करने लगे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में बुधवार को जींद के कंडेला गांव में हुई महापंचायत में केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में हुई ‘महापंचायत’ के दौरान वह मंच भी टूट गया जिस पर वक्ता बैठे हुए थे। शुरुआती खबरों के मुताबिक जींद जिले के कंडेला गांव में बनाए गए मंच के टूटने से कोई घायल नहीं हुआ। मंच पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा थे, जिसके कारण यह भार सहन नहीं कर पाए।
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई हफ्ते से टिकैत दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। वह महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए कंडेला गांव आए। महापंचायत में कई खाप नेताओं ने भी भाग लिया। इसका आयोजन टेकराम कंडेला की अगुवाई में सर्व जातीय कंडेला खाप ने किया है। मंच गिरने के बाद टिकैत ने लोगों से अफरातफरी नहीं मचाने की अपील की।
महापंचायत में पांच प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, कृषि कर्ज माफी और 26 जनवरी को हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा करने की मांग की गयी। लोगों को संबोधित करते हुए कंडेला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सीधी वार्ता करनी चाहिए।
करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है। किसान यूनियनों ने प्रदर्शन स्थल के आसपास इंटरनेट सेवा बंद करने और प्रशासन द्वारा उन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्ग को अवरूद्ध करने की सोमवार को घोषणा की थी।