नई दिल्ली: नए कृषि कानून (New Farm Laws) के खिलाफ एक तरफ किसान सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों के नेता भी सरकार पर कृषि कानून के खिलाफ दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) दूसरी बार उत्तर प्रदेश दौरे पर पहुंची और पंचायतों में शामिल होकर किसानों को संबोधित किया।
हालांकि, भारतीय किसान युनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के पंचायतों में शामिल होने पर कहा कि, "वह पंचायत में जा रही हैं तो हम किसको रोक सकते हैं, पंचायत करनी चाहिए सबको। प्रियंका दिल्ली में ही बैठी हैं तो यहां ही क्या करें? गांव में घूमने जाना चाहिए।"
लेकिन, महापंचायतों में राजनीतिक दखल के लिए किसान पहले ही मना कर चुके थे? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि, "हम थोड़ी महापंचायत करा रहे हैं। वे अपनी पंचायत कर रहें होंगे, हमारी यूनियन की नहीं है।"
वहीं, महापंचायत जो हो रही है क्या वे किसान नहीं है? इसपर टिकैत ने कहा कि, "कोई जा रहा है और पंचायत का नाम ले रहा है तो पंचायत शब्द पर बैन थोड़ी न है, पंचायत सभी को करनी चाहिए।"
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार यूपी दौरे पर हैं। इससे पहले, 10 फरवरी को प्रियंका गांधी ने सहारनपुर के चिलकाना में किसान महापंचायत को संबोधित किया था और अब उन्होंने बिजनौर में किसान पंचायत को संबोधित किया।
दरअसल, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों की संख्या में किसान यहां पहुंचे हुए हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की अपनी मांग बुलंद कर रहे हैं।
किसान जिन कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वह उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 हैं।
(इनपुट- IANS)