नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बातचीत का प्रस्ताव दिए जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की अगर कोई मजबूरी है, तो वह उन्हें बताए। वह भारत सरकार का सिर नहीं झुकने देंगे। टिकैत ने कहा कि सरकार उन्हें अपनी मजबूरी बताए और बात करें।
'दुनिया के सामने सरकार को नहीं झुकने देंगे'
उन्होंने कहा, "जो हमारे मुद्दे हैं, उनपर भारत सरकार बातचीत करे। उनकी कोई मजबूरी है तो वह हमसे साझा करे। हम भारत सरकार का भी सम्मान रखेंगे। उनकी कोई मजबूरी है तो वह हमें बताए। हम नहीं चाहते कि देश की सरकार पूरी दुनिया में झुके। नहीं, हमारे देश का नाम भी ऊंचा रहेगा, किसान का नाम भी ऊंचा रहेगा और भारत सरकार को भी हम पूरी दुनिया में झुकने नहीं देंगे।"
"खुलकर बताओ, क्या मजबूरी है?"
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आगे कहा, "कोई चीज है तो हमें बताएं, हम किसानों से समझौता कराएंगे। आप खुलकर बताओ हमें, क्या मजबूरी है। मजबूरी हमें बता दो। हम पंचायत के मानने वाले लोग हैं, हम शांति से समझौता चाहते हैं।"
सरकार का सबसे बड़ा प्रस्ताव अब भी ऑप्शन
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि 'किसान नेताओं के साथ बैठक में कृषि मंत्री ने जो सबसे बड़ा प्रस्ताव दिया था, वो आज भी है।' सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी ने विपक्ष के नेताओं से कहा कि 'आप लोगों के जानने वाले जो किसान नेता हों, उनको ये बात बताएं।'
पीएम ने दिया बातचीत का ऑफर
सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि किसानों के लिए सरकार से बातचीत के दरवाजे अब भी खुले हैं और वे जब चाहें सरकार से बात कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 'बातचीत से समाधान निकाला जा सकता है। हमें देश के बारे में सोचना चाहिए।'