नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि यह आंदोलन सिर्फ तीन क़ानूनों की वापसी का ही नहीं है, यह किसानों को गन्ने के रेट का भी आंदोलन है। उन्होंने कहा, "यह गन्ने के रेट का भी आंदोलन है, तीन क़ानूनों का भी आंदोलन है, पूरे देश में किसानों की जहां-जहां समस्या हैं, ये आंदोलन उसका है।"
पुलिस से सहयोग की उम्मीद
इसके साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के मद्देनजर पुलिस प्रशासन से सहयोग की उम्मीद भी जताई। राकेश टिकैत ने कहा, "पुलिस प्रशासन ने पहले हमारा जो सहयोग किया, उसी सहयोग की हम उम्मीद करते हैं।" गौरतलब है कि 28 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर बहुत ड्रामा हुआ था और प्रशासन पर आंदोलन खत्म कराने के आरोप लगे थे।
बातचीत से निकलेगा हल
किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से बातचीत के जरिए मामले का हल निकालने की बात कही। उन्होंने कहा, "सरकार बातचीत से इस समस्या का हल निकाले। हम बातचीत के लिए तैयार हैं, किसान मोर्चा के जो 40 संगठनों की 40 सदस्यों की कमेटी है, उससे सरकार बात करे।"
सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा बंद
गौरतलब है कि तनाव को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर व उसके आसपास के 500 मीटर के इलाके तक इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया था जिसकी अवधि को बढ़ा दिया गया है। इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को मंगलवार रात तक बढ़ा दिया गया है। इंटरनेट सेवा 31 जनवरी की रात 11 बजे से 2 फरवरी की रात 11 बजे तक बंद रहेगी।
आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
दिल्ली के तीनो बॉर्डर और उनके आसपास के क्षेत्र जहां किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वहां इंटरनेट सेवाओं का निलंबन 29 जनवरी की रात 11 बजे लगाया गया था और शुरू में 31 जनवरी की रात 11 बजे तक प्रभावी था लेकिन अब यह 2 फरवरी रात 11 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह कदम आम जन की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखकर लिया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।