जयपुर. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन को करीब तीन महीने होने को आए हैं। किसान संगठनों और मोदी सरकार में अबतक कोई सहमती नहीं बन पाई है, हालांकि दोनों पक्ष बातचीत के लिए तैयार होने के दावे तो कर रहे हैं लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से अभी तक दोनों पक्ष बातचीत के लिए टेबल पर नहीं लौटे हैं।
किसान अंदोलन को एकबार फिर धार देने के लिए और सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान नेता पश्चिमी यूपी, हरियाणा और राजस्थान में चुनावी महापंचायतें कर रहे हैं। ऐसी ही एक पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें दिल्ली से बाहर किया जाना चाहिए।
राकेश टिकैत ने राजस्थान के हुनमानगढ़ जिले के नोहार में किसान महापंचायत के दौरान कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लंबा खिंच सकता है। उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें दिल्ली से बाहर किया जाना चाहिए।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "यह लडाई लंबी चलेगी, जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं बने। यह लडाईयां लंबी लड़ी जाएगी। आप तैयारी रखो दिल्ली तक मार्च करने की।"
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राकेश टिकैत ने कहा, "व्यापारी और भिखमंगे को देश और खेत से प्यार नहीं होता, भिखारी को जहां ठीक धन मिलता है वह वहीं चला जाता है और इसी प्रकार व्यापारी वहीं काम करता हैं जहां उसे मुनाफा मिलता है।" (Input - Bhasha)
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