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Farmers Protest: क्या चक्का जाम में भी होनी थी हिंसा? राकेश टिकैत ने दिया बड़ा बयान

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि हमारे पुास पुख्ता सबूत थे कि कल कुछ लोग चक्का जाम के दौरान हिंसा फैलाने की कोशिश करते। हमारे पास पक्की रिपोर्ट थी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : February 05, 2021 23:28 IST
Farmers Protest: क्या चक्का जाम में भी होनी थी हिंसा, राकेश टिकैत ने दी जानकारी
Image Source : FILE PHOTO Farmers Protest: क्या चक्का जाम में भी होनी थी हिंसा, राकेश टिकैत ने दी जानकारी

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि हमारे पुास पुख्ता सबूत थे कि कल (शनिवार) कुछ लोग चक्का जाम के दौरान हिंसा फैलाने की कोशिश करते। हमारे पास पक्की रिपोर्ट थी। हमने जनहित को देखते हुए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को कल होने वाले चक्का जाम से अलग रखा है। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि कल (6 फरवरी) सिर्फ 2 राज्यों में चक्का जाम नहीं होगा। ये 2 राज्य हैं- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। इन 2 राज्यों और दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम होगा। बता दें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में लगभग 2 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसान कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। 

यूपी-उत्तराखंड में इसलिए नहीं होगा चक्का जाम

किसानों संगठनों ने 6 फरवरी (शनिवार) को देशव्यापी 'चक्का जाम' का ऐलान किया है। राकेश टिकैत ने शुक्रवार शाम को यह साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। इन दोनों राज्यों में जिला मुख्यालय पर किसान कृषि कानूनों के विरोध में केवल ज्ञापन दिए जाएंगे। इन दोनों राज्यों में चक्का जाम टालने के बारे में टिकैत ने कहा कि इन दोनों जगहों को लोगों को स्टैंडबाय में रखा गया है और उन्हें कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है, इसलिए यूपी-उत्तराखंड के लोग अपने ट्रैक्टरों में तेल-पानी डालकर तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अन्य सभी जगहों पर तय योजना के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से काम होगा।

दिल्ली में ‘चक्का जाम’ नहीं होगा : किसान संगठन

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को कहा कि छह फरवरी को दिल्ली में ‘चक्का जाम‘ नहीं होगा और इसने कहा कि देश के अन्य हिस्से में किसान तीन घंटे तक राजमार्गों को शांतिपूर्ण तरीके से जाम करेंगे। एसकेएम ने बयान जारी कर कहा कि ‘चक्का जाम’ के दौरान एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी आवश्यक सेवाओं को नहीं रोका जाएगा। ‘चक्का जाम’ शनिवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक आयोजित करने का प्रस्ताव है। बयान में बताया गया है, ‘‘दिल्ली के अंदर चक्का जाम का कार्यक्रम नहीं होगा क्योंकि प्रदर्शन के सभी स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं। दिल्ली में प्रवेश के सभी मार्ग खुले रहेंगे, केवल वही मार्ग बंद रहेंगे, जहां किसानों का प्रदर्शन चल रहा है।’’ 

यहां से होगी मॉनिटरिंग?

किसानों के चक्का जाम के दौरान प्रमुख सड़कों पर 6 फरवरी की दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच गाड़ियां नहीं चलने दी जाएंगी। राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि "जो लोग यहां नहीं आ पाए, वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे।" किसान सभी नेशनल और स्‍टेट हाइवेज पर चक्‍का जाम करेंगे। सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पूरे चक्‍का जाम को कोऑर्डिनेट करेंगे।

‘चक्का जाम’ पूरी तरह शांतिपूर्ण और अहिंसक होगा- दर्शन पाल

पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से के हजारों किसान दिल्ली की तीन सीमाओं- सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में 70 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य दर्शन पाल ने कहा कि ‘चक्का जाम’ पूरी तरह शांतिपूर्ण और अहिंसक होगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों या किसी भी नागरिक से किसी भी तरह के संघर्ष में नहीं उलझें। इससे पहले एसकेएम ने देशव्यापी चक्का जाम शनिवार को करने की घोषणा की थी। इसने कहा था कि किसान आंदोलन स्थलों के आसपास के क्षेत्र में इंटरनेट बंद करने के खिलाफ तीन घंटे के लिए राजमार्गों को जाम करेंगे।

चक्का जाम अपराह्न तीन बजे एक मिनट के लिए वाहनों के हॉर्न बजाकर समाप्त किया जाएगा- एसकेएम

एसकेएम के मुताबिक, चक्का जाम अपराह्न तीन बजे एक मिनट के लिए वाहनों के हॉर्न बजाकर समाप्त किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों के साथ एकजुटता एवं समर्थन जताना है। इस बीच सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और वहां कई स्तर के बैरीकेड, कंटीले तार और सड़कों पर कील लगाए गए हैं। इसके अलावा वहां काफी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस रखेगी नजर 

दिल्ली पुलिस के आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने भी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस नजर रखेगी। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं, ताकि शरारती तत्व राष्ट्रीय राजधानी में नहीं घुस पाएं।

दिल्ली, यूपी और हरियाणा पुलिस सतर्क

किसानों के देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम में अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन भी तैयारी में जुटा हुआ है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चक्का जाम को लेकर हमसे किसी भी किसान नेता ने संपर्क नहीं किया है, लेकिन दिल्ली, यूपी और हरियाणा पुलिस इसको लेकर काफी गंभीर है। दरअसल शनिवार होने के कारण हाईवे पर अच्छी खासी वाहनों की भीड़ होती है। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) हिंसा को लेकर पुलिस बेहद सतर्क है। दिल्ली पुलिस PRO ने कहा कि पूरे देश में कल किसानों का तीन घंटे का चक्का जाम होने वाला है, उसके मद्देनज़र हमने दिल्ली की सभी बॉर्डर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है। हालांकि किसानों ने कहा कि वे दिल्ली में ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं लेकिन 26 जनवरी को जो हुआ उसके मद्देनज़र हमने ऐसा किया है।

कांग्रेस ने किया 'चक्का जाम' का समर्थन

कांग्रेस पार्टी ने कल किसान संगठनों द्वारा किए जाने वाले 'चक्का जाम' का समर्थन किया है। दिल्ली में हरियाणा के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बैठक में हमने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने की बात कही है। हमारी पार्टी का निर्णय है कि नए कृषि क़ानून वापस होने चाहिए। कांग्रेस किसानों के साथ है।

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