नई दिल्ली: गुजरात राज्यसभा चुनाव में NOTA के इस्तेमाल के विरोध में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गुजरात कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। कांग्रेस ने कहा, 'गुजरात चुनाव में नोटा के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए और इसे रद्द किया जाए। नोटा का प्रावधान अंसवैधानिक है और जनप्रतिनिधि कानून का उल्लंघन करता है।' सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के 2013 के उस आदेश को आधार बनाया है जिसमें कहा गया था कि राज्यसभा जैसे अप्रत्यक्ष चुनावों में नोटा का इस्तेमाल नहीं होगा। कांग्रेस पार्टी की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हो सकती है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया था। राज्यसभा चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं को नोटा (इनमें से कोई नहीं) विकल्प मुहैया कराने जाने का कांग्रेस कड़ा विरोध कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंप कर उससे यह कदम नहीं उठाने के लिए भी कहा।
पार्टी ने इस ज्ञापन में कहा कि राज्यसभा जैसे परोक्ष चुनाव में नोटा का प्रयोग संविधान के अनुच्छेद 80(4), जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 और चुनाव संचालन नियम 1961 तथा उच्चतम न्यायालय के कुलदीप नैयर बनाम भारत सरकार (2006) के फैसले के दृष्टिकोण से विरूद्ध है। विपक्षी नेताओं ने संसद में भी दलील दी कि इससे न सिर्फ नोटा पर वोट देने वाले जनप्रतिनिधियों की अपनी पार्टी की सदस्यता खतरे में पड़ जायेगी बल्कि संवैधानिक संकट भी खड़ा हो जायेगा।
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