नई दिल्ली: राजस्थान में लव जेहाद पर धर्मयुद्ध छिड़ गया है। उदयपुर में मजहब के नाम पर संग्राम छिड़ा हुआ है। हालात पर काबू पाने के लिए उदयपुर में धारा 144 लागू कर दिया गया है और इसे अगले 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है। जिले में इंटरनेट सर्विस भी बंद है। हालात को देखते हुए शहर के प्राइवेट स्कूल भी आज बंद हैं। वहीं वीएचपी ने उदयपुर बंद के एलान के बाद पुलिस हाई अलर्ट पर है। शहर में सात सौ से ज्यादा पुलिसवालों को तैनात किया गया है। पूरे मामले में अबतक 88 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
उदयपुर में ये हंगामा पिछले चार दिनों से बरपा हुआ है और यहां जारी इस हंगामे के पीछे की वजह छह दिसंबर को राजसमंद की घटना है। शंभू लाल रैगर नाम के एक सिरफिरे शख्स ने मोहम्मद अफ़राजुल नाम के एक मजदूर की बेहरमी से हत्या कर वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइटस पर अपलोड कर दिया था। हत्यारा शंभू ने दावा किया था कि लव जिहाद के खिलाफ उसने अफराजुल की हत्या की है। हत्यारा जेल में है और पूरे मामले की एसआईटी से जांच हो रही है लेकिन इस हत्या को हिन्दु मुसलमानों का मसला बना दिया गया।
कुछ हिंदूवादी संगठन शंभू रैगर के पक्ष में खड़े हो गए हैं जबकि मुस्लिम संगठनों ने इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश के तौर पर पेश किया। चिंगारी भड़की और बाकी काम सोशल मीडिया ने कर दिया। सोशल मीडिया पर भी नफरत और हिंसा फैलाने वाले मैसेज शेयर किए जा रहे हैं। मामले को तूल देने की कोशिश करने के लिए उत्तर प्रदेश से उपदेश राणा नाम का शख्स शंभू रैगर को सपोर्ट करने उसके परिवार से मिलने के लिए राजस्थान आया लेकिन जयपुर आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
उपदेश राणा हिंदूवादी संगठन से जुड़ा है और सोशल मीडिया पर पहले भी कई बार भड़काऊ भाषण दे चुका है। साफ है हत्या के एक मामले को संप्रदायिक रंग देने की कोशिश हो रही है। ऐसे में पुलिस को माहौल खराब करने वालों के खिलाफ पूरी सख्ती से निपटना चाहिए। इसके अलावा उन लोगों के खिलाफ भी एक्शन लेना चाहिए जो सोशल मीडिया के जरिए इस तरह के भडकाने वाले वीडियो और मैसेज सर्कुलेट कर रहे हैं।