नई दिल्ली: फिल्म पद्मावती के खिलाफ राजस्थान के चितौड़गढ़ किले पर करणी सेना का प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शन के कारण चितौड़गढ़ किले को बंद कर दिया गया है जिस कारण किला देखने पहुंचे पर्यटकों को वापस भेजा जा रहा है। पहली बार प्रदर्शन के दौरान किले में सैलानियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। चितौड़गढ किले के गाइड को भी छुट्टी दे दी गई है। आज सुबह से चितौडगढ़ किले पर करणी सेना का प्रदर्शन जारी है। संजय लीला भंसाली ने जब रानी पद्मिनी पर फिल्म बनाने का ऐलान किया तभी से फिल्म पद्मावती का विरोध शुरू हो गया था लेकिन भंसाली और फिल्म पद्मावती के खिलाफ ऐसा विरोध प्रदर्शन इससे पहले कभी नहीं दिखा था। यहां महिलाएं हाथों में नंगी तलवार लेकर किले के अंदर प्रदर्शन कर रही हैं।
सैकड़ों की तादाद में राजपूत महिलाएं हाथों में तलवार थामकर उस चित्तौड़गढ़ किले के अंदर पहुंचीं जहां से रानी पद्मिनी का इतिहास जुड़ा है और उस इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप संजय लीला भंसाली पर लगा है। पद्मावती विवाद में एक तरफ है चित्तौड़गढ़ का राजपूत समाज तो दूसरी तरफ हैं फिल्म बनाने वाले संजय लीला भंसाली। राजपूत समाज की महिलाओं ने कल चित्तौड़गढ़ किले में तलवारों के साथ पद्मावती फिल्म का विरोध किया। राजपूतों की खुली धमकी है कि किसी भी सूरत में पद्मावती को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
रानी पद्मावती की कहानी
- रानी पद्मावती को इतिहास में पद्मिनी के नाम से भी जाना जाता है
- रानी पद्मावती जितनी सुंदर थीं उतनी ही बड़ी वीरांगना थीं
- रानी पद्मावती का जन्म सिंहल देश यानी श्रीलंका में हुआ था
- पद्मावती का विवाह चित्तौड़ के राजा रतन सेन से हुआ था
- तेरहवीं-चौदहवीं शताब्दी में चित्तौड़ की रानी थीं पद्मावती
- पद्मावती की सुंदरता को सुनकर खिलजी ने किया चित्तौड़ पर हमला
- अलाउद्दीन खिलजी के साथ युद्ध में हुई थी रतन सिंह की मौत
- वीर सेनापति गोरा-बादल के साथ रानी पद्मावती ने भी लड़ा था युद्ध
- राजा रतन सिंह की मौत के बाद पद्मावती ने जौहर किया था
- खिलजी और पद्मावती के प्रेम-प्रसंग की बात निराधार- इतिहासकार
- मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य में रानी पद्मावती का जिक्र
- सोलहवीं शताब्दी में जायसी ने की थी 'पद्मावत' की रचना
- 'पद्मावत' में है रानी पद्मावती और राजा रतन सेन की प्रेमकथा
- हेमरतन की 'गोरा-बादल' किताब में भी रानी पद्मावती का जिक्र
- ब्रिटिश इतिहासकार जेम्स टॉड की किताब में पद्मावती का उल्लेख
- नेहरू की किताब 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' में भी पद्मावती का जिक्र
- संजय लीला भंसाली की फिल्म में पद्मावती के किरदार पर विवाद
- 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है भंसाली की फिल्म 'पद्मावती'
- खिलजी और पद्मावती के प्रेम-प्रसंग की बात निराधार- इतिहासकार
राजस्थान और राजपूतों के गौरवशाली इतिहास में चित्तौड़गढ़ किले की खास अहमियत है। शौर्य, साहस और वीरता की अनगिनत कहानियां इस किले से जुड़ी हैं। इस किले का एक और इतिहास रानी पद्मिनी से भी जुड़़ा है जिसपर बनी फिल्म पद्मावती को लेकर चित्तौड़ से दिल्ली और मुंबई तक बवाल मचा हुआ है। राजपूत समाज और करणी सेना समेत कई संगठन ने किले को बंद करवाने का ऐलान किया है और कहा है कि वो किसी भी टूरिस्ट को चित्तौड़गढ़ किले में घुसने नहीं देंगे।
फिल्म को लेकर विरोध की कमान करणी सेना थामे हुए है। राजस्थान के अलग-अलग शहरों से लेकर गुजरात और महाराष्ट्र तक करणी सेना से जुड़े लोग हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राजस्थान के कोटा में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फिल्म का विरोध तो किया ही साथ ही फिल्म पर बैन न लगाने पर नतीजे भुगतने की धमकी भी दे डाली। फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद में अबतक फिल्म डायरेक्टर भंसाली और राजपूत समाज ही था लेकिन अब इसमें अजमेर दरगाह के दीवान की भी एंट्री हो गई है।
अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जुनैल आबुद्दीन अली खान ने भी फिल्म के विरोध को जायज ठहराया है और फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। फिल्म पद्मावती 1 दिसंबर को रिलीज होनी है लेकिन इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप के बाद जिस तरह से फिल्म पद्मावती को बैन करने की मांग उठ रही है उसे देखते हुए सवाल ये है कि क्या फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हो पाएगी?