कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन का एनकाउंटर करने वाले के. विजय कुमार का जन्म 15 सितंबर 1950 को हुआ था। वह अपने पिता रिटायर्ड पुलिस अफसर कृष्णन नायर और मां कौशल्या के दूसरे बेटे हैं। तंजावुर में इनके शुरुआती दिन बीते। बता दें कि इन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से ग्रैजुएशन और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से पोस्ट ग्रैजुएशन पूरा किया। (नक्सलियों से बदला लेने के लिये CRPF को मिली 75 दिनों की खुली छूट!)
के. विजय कुमार बचपन से ही अपने पिता से प्रेरित थे। इस वजह से वह आईपीएस बनने का सपना देखते थे। उन्हें पुलिस की वर्दी हमेशा से अट्रैक्ट करती थी। वे बता चुके हैं कि बचपन से अपने पुलिस अफसर पिता से इन्स्पायर्ड थे। यही वजह थी कि उन्होंने आईपीएस बनने की ठानी।
चेन्नई के के विजय कुमार 1975 में तमिलनाडु कैडर में आईपीएस बनने के बाद स्पेशल सिक्युरिटी ग्रुप (एसएसजी) में सर्विस की। जब वह स्पेशल टास्क फोर्स में पोस्टेड थे, तब उन्हें चंदन तस्कर वीरप्पन को ठिकाने लगाने के मिशन का चीफ बनाया गया था।
इसके बाद विजय कुमार कई वर्षों तक वीरप्पन की तलाश करते रहे। उन्होंने ऑपरेशन 'कोकून' का भी नेतृत्व किया। 18 अक्टूबर 2004 को उन्होंने अपने साथियों के साथ तमिलनाडु के धरमपुरी जंगल में हुए एनकाउंटर में वीरप्पन को मार दिया।