नई दिल्ली: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रोहिणी के जापानी पार्क में चल रहे अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन के समापन सत्र के दौरान कहा कि भारतीय संस्कृति एवं एकजुटता ही भारत की ताकत है। भारत केवल अपने लिए ताकतवर नहीं बनना चाहता बल्कि विश्व के पूरे मानव समाज के कल्याण के लिए ताकतवर बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि आर्य समाज के इस सम्मेलन में अनुशासन और शान्ति है, यह केवल संस्था नहीं बल्कि क्रांतिकारी विचार है जो सोए हुए आदमी को भी जगा दें। हम तो आर्य हैं और पूरे विश्व को आर्य बनाना चाहते हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि महर्षि दयानंद जी का ह्रदय जितना बड़ा था, कल्पना नहीं की जा सकती। उन्हें अपनी चिंता नहीं थी बल्कि उनका मन दूसरों की चिंता हमेशा लगा रहता था। वसुधैव कुटूंबकम का संदेश कोई छोटे मन वाला आदमी नहीं दे सकता बल्कि बड़े मन वाला ही ऐसा कर सकता है। यही तो भारत की सांस्कृतिक पहचान है। वृक्ष न काटना, बेटियों को पढ़ाना ये हमारे देश की संस्कृति है।
गृहमंत्री ने कहा कि महर्षि दयानंद जी काफी दूरदर्शी थे, उन्हें पता चल गया था कि आगे क्या होने वाला है। जो कुछ भी ज्ञान हमारे वेदों में है वो दुनिया के पास नहीं है। भारत की संस्कृति स्वयं में आधुनिक है और इसे आधुनिकता की आवश्यकता नहीं है।उन्होंने लोगों को आश्वासन दिलाते हुए कहा कि मैं मोदी जी से बात करूंगा और मुझे विश्वास है कि वो इस चीज में अपनी सहमति देंगे कि 2024 में जो अंतर्राष्ट्रीय आर्य सम्मेलन होगा, उसमें दयानंद सरस्वती जी की जन्म शताब्दी पूरे विश्व में मनाई जाए। वही सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने कहा कि दुनिया में शांति चाहिए तो हमें पुनः वेदों से लौटना होगा।
गृहमंत्री ने इस महासम्मलेन में शामिल पाकिस्तान के आर्य प्रतिनिधिमंडल के लिए गृहमंत्री द्वारा वीजा दिलाने में मदद करने के लिए ख़ुशी जताई। जब कि केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि दयानंद जैसा व्यक्तित्व पूरे विश्व में नहीं हो सकता। यदि हमलोगों को गृहमंत्री राजनाथ सिंह का साथ मिलता रहा तो हम पूरे विश्व में आर्य संस्कृति का डंका बंजा सकते हैं। वहीं भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने कहा कि हमारा परिवार दादाजी के मूल सिद्धांतों पर चलता आया है और यही वजह है कि देश की सेवा के लिए कुछ काम आया।
अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन के चार दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह में सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया, बीजेपी दिल्ली विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता विजेन्द्र गुप्ता, प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा, सीकर के सांसद स्वामी सुमेधानंद जी, स्वामी देवव्रत समेत कई जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया। इस चार दिवसीय सम्मेलन में 28 देशों के तीन हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।