भारतीय सेना ने शुक्रवार को एक ऐसा वीडियो जारी किया जिसमें कश्मीर घाटी के बडगाम के पास चादूरा में एक आतंकवादी को मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर करते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो को देखने के बाद आपको भारतीय सेना पर गर्व होगा। इस वीडियो में आतंकवादी के आत्मसर्पण की पूरी घटना कैद है। फौज के अफसर ने संवेदना दिखाते हुए घिरे हुए आतंकवादी को सरेंडर के लिए समझाने की कोशिश की। 53 राष्ट्रीय राइफल्स के एक अधिकारी ने छिपे हुए आतंकवादी जहांगीर को भरोसा दिया कि वह आत्मसमर्पण कर दे। वीडियो में जब जहांगीर दोनों हाथ उठाकर अपने छिपने की जगह से बाहर निकलता है तो सेना का अधिकारी यह कहते हुए सुनाई देता है कि 'कोई गोली नहीं चलाएगा'। जब जहांगीर का सुरक्षा बलों से संपर्क हुआ तो सेना अधिकारी ने कहा, "बेटा, घबराओ मत। गलतियां होती हैं। उसे जाने दो ” काफी मशक्कत के बाद फौज के अफसर जहांगीर भट्ट को समझाने में कामयाब हो गए।
आर्मी के एक अन्य वीडियो में आतंकवादी का पिता अपने बेटे को गले लगाए दिख रहा है और अपने बेटे की सुरक्षित वापसी पर सेना को धन्यवाद दे रहा है। इस वीडियो में सेना का जवान एक बुजुर्ग (आतंकवादी के पिता ) को यह कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि इसे फिर आतंकवादियों के साथ जाने मत देना। युवक के पिता ने सेना के अधिकारी को यह भरोसा दिया कि वह अपने बेटे को आतंकी संगठनों के हाथों गुमराह नहीं होने देगा। अब मैं आपको इस कहानी की पूरी पृष्ठभूमि बता देता हूं। दरअसल, जहांगीर भट्ट नाम का ये आतंकवादी कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर पुलिस के लिए काम करने वाले स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) अल्ताफ के संपर्क में आया था। इस एसपीओ ने 13 अक्टूबर को अपने साथियों की ए.के.47 राइफल चुराई थी और भाग निकला था। ठीक इसी दिन स्थानीय दुकानदार जहांगीर अहमद भट्ट भी अपने घर से लापता हो गया था। स्थानीय लोगों का मनाना था कि जहांगीर भगोड़े एसपीओ अल्ताफ के साथ आतंकवादी संगठन में शामिल हो चुका है। दो दिन तक अल्ताफ और जहांगीर चुराई हुई ए.के. 47 राइफल को लेकर भागते रहे।
लेकिन शुक्रवार सुबह सुरक्षा बलों को इन दोनों के बडगाम में छिपे होने की जानकारी मिली। इनपुट स्पेसिफिक था, इसलिए आर्मी ,सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस तीनों ने इस इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। जैसे ही ज्वाइंट टीम लोकेशन तक पहुंची तो मौके पर मौजूद एसपीओ से आतंकवादी बने अल्ताफ ने सुरक्षा बलों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई। इसी दौरान एसपीओ अल्ताफ मौके से भागने में कामयाब हो गया। लेकिन सुरक्षाबलों ने जहांगीर भट्ट को घेर लिया। इसके बाद ऑपरेशन को लीड कर रहे 53 राष्ट्रीय राइफल्स के अफसर ने जहांगीर भट्ट से संपर्क किया। पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया। इसके बाद चुराई हुई ए.के. 47 राइफल के साथ जहांगीर ने सरेंडर कर दिया।
सेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि “प्रोटोकॉल के मुताबिक भारतीय सेना ने उसे सरेंडर के लिए मनाने की कोशिश की और उसने सरेंडर कर दिया। शख्स के पिता उस जगह मौजूद थे। युवाओं को आतंक के रास्ते से वापस लाने के प्रयासों का असर दिखाई दे रहा है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय सेना आतंकियों की भर्ती को रोकने के लिए अपनी कोशिश जारी रखे हुए है।
मैंने अपने प्राईम टाईम शो 'आज की बात' में दोनों वीडियो दिखाया जिससे दर्शक यह समझ सकें कि हमारी सेना आतंकवादियों के साथ कैसा बर्ताव करती है। जब आर्मी और पुलिस की ज्वाइंट टीम इस इलाके में पहुंची तो आतंकवादियों ने फायरिंग शुरु कर दी। सिक्योरिटी फोर्सेज ने जवाबी फायरिग की। अब लगता तो य़े था कि पुलिस और फौज की फायरिंग में आतंकवादी ढेर हो जाएंगे, जरा सी देर में लाशें बिछ सकती थीं लेकिन फौज के अफसरों ने संवेदना दिखाई। गोली चलाने की बजाए घिरे हुए आतंकवादियों को समझाने की कोशिश की। एक दहशतगर्द तो भाग गया लेकिन फौज के अफसरों ने जहांगीर भट्ट से बार बार बाहर आने को कहा, सरेंडर करने की अपील की औऱ काफी मशक्कत के बाद फौज के अफसर जहांगीर भट्ट को समझाने में कामयाब हो गए। ये सब कैसे हुआ, आर्मी ने कैसे आतंकवादी से सरेंडर कराया, उसको कैसे समझाया, ये वाकई में देखने वाली चीज़ है।
ये तस्वीर कश्मीर में रहने वाले हर उस माता पिता को देखनी चाहिए जिनके बेटे रास्ता भटक गए हैं। आतंकवाद के रास्ते पर चले गए हैं। ये तस्वीरें उन लोगों को भी देखनी चाहिए जो अपने आप को मानवाधिकार का ठेकेदार कहते हैं। वो लोग जो हमारी फौज को खून बहाने वाली फोर्स के तौर पर पेंट करते हैं। भारत की फौज एक प्रोफेशनल आर्मी है, हमारे जवान जान लेना जानते हैं तो जिंदगी देना भी जानते हैं और फौज के इसी जज्बे को बार बार सलाम करना चाहिए।