पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कश्मीरी लोगों के साथ ‘एकजुटता’ दिखाने के लिए ‘कश्मीर ऑवर (Hour)’ नाम के आयोजन का नेतृत्व किया। इसे ‘कश्मीर ऑवर’ नाम इमरान ने ही दिया था और इसके तहत उन्होंने आम लोगों को आधे घंटे के लिए काम बंद करने की अपील की थी। पाकिस्तानी मीडिया के टीवी फुटेज से यह साफ हो गया कि इसमें बहुत ही कम लोगों ने हिस्सा लिया। कुछ जगहों पर, पुलिस ने गाड़ियों को रोकने के लिए सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए थे, जिससे आम पाकिस्तानियों को खड़े होने और कश्मीरियों के प्रति 'एकजुटता' दिखाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
वहीं, एक अन्य घटना में पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद को भाषण देते वक्त बिजली का हल्का झटका लग गया। जब उन्हें बिजली का यह झटका लगा उस समय वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगल रहे थे। इस घटना के बाद मंत्री ने जल्द ही अपना भाषण समाप्त किया और वहां से चले गए। न्यूयॉर्क टाइम्स में एक ऑप-एड में इमरान खान ने दुनिया को चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध भी भड़क सकता है। उन्होंने लिखा, ‘अगर दुनिया कुछ नहीं करती है (कश्मीर पर), तो पूरी दुनिया को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे क्योंकि दोनों परमाणु संपन्न देश सैन्य युद्ध के करीब पहुंच जाएंगे।
इस लेख में उन्होंने वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए शर्तें भी रखीं। उन्होंने लिखा, ‘वार्ता तभी शुरू हो सकती है जब भारत कश्मीर के ‘अवैध कब्जे’ को वापस ले, कर्फ्यू हटाए और अपनी सेना को वापस बुलाए।’ हताशा में पाकिस्तान इस समय जाहिर तौर पर रक्षात्मक दिखाई दे रहा है। इस मुल्क को इस्लामिक देशों और पश्चिमी ताकतों का व्यापक समर्थन भी नहीं मिल पाया। इसने घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा होने और खून खराबे का भी रोना रोया, जबकि हकीकत यह है कि एक भी गोली नहीं चलाई गई और पिछले तीन सप्ताह से पूरी कश्मीर घाटी में शांति है।
पाकिस्तान में अपने वोटरों को खुश करने के लिए इमरान खान ने पहले जंग की बात छेड़ी और फिर परमाणु बम की धमकी देने लगे, लेकिन आम पाकिस्तानी पर उनकी इन बेतुकी बातों का कोई फर्क नहीं पड़ा। आम पाकिस्तानी रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी और इमरान खान की सरकार के दयनीय प्रदर्शन से कहीं ज्यादा परेशान दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान के पीएम को लगता था कि 'जिहादी' आतंकी घाटी में कोई बड़ा हमला करेंगे, लेकिन हमारे सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण ऐसा नहीं हुआ।
जाहिर है, इमरान अब खुद को ऐसी जगह पा रहे हैं जहां से उन्हें कोई राह नहीं सूझ रही। वह इस स्थिति से निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं। यही कारण है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच एक परमाणु युद्ध की संभावना पर बात कर रहे हैं ताकि दुनिया का ध्यान इधर खींच सकें।
इस बीच कश्मीर में केंद्र ने सुरक्षा बलों और सरकारी विभागों में युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर एक कार्यक्रम के शुरुआत की बात की है। इसके साथ ही सरकार ने सड़कों की हालत में सुधार करने और स्कूलों एवं कॉलेजों के निर्माण की योजना भी बनाई है ताकि मुट्ठीभर गुमराह युवाओं की मुख्यधारा में वापसी हो सके और जम्मू एवं कश्मीर के लोग शांति और समृद्धि के युग में प्रवेश कर सकें। (रजत शर्मा)
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