राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पांच प्राइवेट स्कूलों को 10 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। इन स्कूलों के कैंपस को सैनिटाइज किया जा रहा है क्योंकि एक छात्र के माता-पिता ने जन्मदिन की पार्टी दी थी और उनमें कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया। कोरोना वायरस के इस रोगी के संपर्क में कम से कम 70 लोग आए। इनमें से छह आगरा के थे और 44 लोग ऐसे थे जो जन्मदिन की पार्टी में शामिल हुए थे।
इस बीच, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे ने पुष्टि की है कि जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती इटली के एक पर्यटक में भी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। उनकी पत्नी का भी टेस्ट भी पॉजिटिव रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस दंपति ने इटली के 23 पर्यटकों के एक ग्रुप के साथ राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा किया। ये कई लोगों के संपर्क में आए और इससे वायरस के फैलने का जोखिम बढ़ गया।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। पीएम ने ट्वीट किया, 'हमें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे और महत्वपूर्ण उपाय करने की आवश्यकता है'। पीएम मोदी ने बचाव के उपाय की जानकारी भी साझा की जिससे लोग खुद को इस वायरस के संपर्क में आने से बचा सकते हैं।
इसमें तीन चीजों को ध्यान रखना है: बार-बार हाथ धोना, सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें, आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें और अगर किसी को बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं।
अब तक की रिसर्च में ये पता लगा है कि कोरोना वायरस टैंपेरेचर सेंस्टिव (तापमान के प्रति संवेदनशील) है। 35 डिग्री से ज्यादा तापमान पर यह एक्टिव नहीं रहता और 50 डिग्री से ज्यादा तापमान पर खत्म हो जाता है। यह वायरस हवा में या किसी जगह नौ दिन तक एक्टिव रह सकता है। इसलिए भारत के वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इस वायरस के फैलने का खतरा सिर्फ 45 दिन का है। जैसे ही गर्मी शुरू होगी और तापमान बढ़ेगा, इस वायरस का प्रकोप खुद खत्म हो जाएगा। लेकिन ये 45 दिन बहुत भारी हैं, क्योंकि वायरस तेजी से फैल रहा है।
इस वायरस को रोकने के साधारण से उपाय हैं। लोग यह कोशिश करें कि सार्वजनिक जगहों पर कम से कम निकलें। लोगों से मिलें तो एक मीटर की दूरी बनाए रखें क्योंकि वायरस सांस के जरिए या खांसी के जरिए आप तक पहुंच सकता है। एक-दूसरे से हाथ न मिलाएं, इसकी जगह नमस्ते कहें। अपने साथ सेनेटाइजर रखें और बार-बार हाथ साफ करें। अगर साबुन से हाथ साफ कर रहे हैं तो कम से कम बीस सेकेन्ड तक हाथ को अच्छी तरह रगड़ें और वायरस से बचने के लिए मास्क पहनने की कोशिश करें।
घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कोरोना वायरस से संक्रिमत होने का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि मरीज को बचाया नहीं जा सकता। दुनिया में कोरोना वायरस के 90 हजार से ज्यादा मरीज हैं और करीब तीन हजार लोगों की मौत हुई है। इसलिए मृत्यु दर मुश्किल से चार से पांच फीसदी है, लेकिन रोकथाम सबसे अच्छा इलाज है। घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं हैं, क्योंकि घबराने से दिक्कत कम नहीं होगी...बढ़ ही सकती है। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 03 मार्च 2020 का पूरा एपिसोड