दिल्ली पुलिस ने सोमवार को शहर में फिर सांप्रदायिक हिंसा के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से डर फैलाने के आरोप में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। ये सभी अफवाहें बाद में फर्जी निकलीं। गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ के ट्विटर पर बड़ी संख्या में फालोअर हैं, जबकि कई अन्य मामलों में, कई हजार लोगों ने गोलीबारी और हिंसा के बारे में रिपोर्ट करने के लिए पुलिस को पीसीआर कॉल किए, जिनमें से सभी बाद में झूठे पाए गए।
अकेले रविवार को ही, सिर्फ 2 घंटे में, यानि शाम 7 से 9 बजे के दौरान पुलिस को 2 हजार से ज्यादा पीसीआर कॉल किए गए, लेकिन ये सभी कॉल फर्जी खबरों के आधार पर पाए गए। पश्चिम दिल्ली में 481 फर्जी कॉल प्राप्त हुए, जबकि 413 फर्जी कॉल दक्षिण पूर्वी दिल्ली में पुलिस को मिले। सोमवार को भी कुछ समय के लिए डर का माहौल था जब अफवाह फैली कि दंगाई तुगलकाबाद के पास एमबी रोड पर घूम रहे हैं। पुलिस और मीडिया दोनों सतर्क थे और बाद में अफवाह झूठी पाई गई। एसएचओ, एसीपी और डीसीपी के स्तर पर दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शहर के सभी हलकों में शांति की जानकारी देने के लिए ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप का सहारा लेना पड़ा।
दिल्ली पुलिस ने अब अफवाहें फैलाने वाले गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। ये गिरोह ख्याला, बदरपुर, पश्चिम विहार, कालिंदी कुंज, मदनपुर खादर, द्वारका, रोहिणी, गोविंदपुरी, उत्तमनगर और जसोला जैसे इलाकों में डर फैला रहे थे। अफवाहों की वजह से रविवार शाम को कुछ समय के लिए दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशनों को भी बंद किया गया था।
अफवाहें फैलाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ख्याला में हुई एक घटना के दौरान, पुलिस ने जुआरियों के अड्डे पर छापा मारा तो जुआरियों ने वहां से भागते हुए पुलिस का ध्यान बांटने के लिए दंगों की अफवाह फैला दी।
अफवाह हमेशा जंगल की आग की तरह फैलती है। 90 के दशक में भगवान गणेश की मूर्तियों के दूध पीने की अफवाह से मंदिरों में भगवान को दूध पिलाने की कोशिश में में भारी भीड़ जुट गई। अफवाहें इतनी तेजी से फैली कि अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी हिंदुओं ने भगवान गणेश की मूर्तियों को दूध पिलाना शुरू कर दिया। इसी तरह एक बार मुंबई तट पर समुद्र का पानी मीठा होने की अफवाह फैली, और हजारों लोग ‘मीठे’ समुद्री पानी को भरने के लिए बोतलें लेकर समुद्र के किनारे पहुंच गए।
दिल्ली में, 24 और 25 फरवरी को हुए सांप्रदायिक दंगों के अपराधियों ने हिंसा फैलाने के लिए अफवाहों का इस्तेमाल किया और हिंसा भड़क गई लेकिन दिल्ली पुलिस सोई रही। हालांकि, रविवार और सोमवार को, दिल्ली पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों की योजनाओं को प्रभावी ढंग से विफल कर दिया, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंक पैदा करना और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अविश्वास पैदा करना था।
मुझे पता है कि अफवाहों में अपनी तरह की एक फोर्स होती है, लेकिन यह बेहतर होगा कि हमारे नागरिक सोशल मीडिया पर फर्जी संदेशों और नफरत भरे वीडियो को फैलाना बंद कर दें। अगर इंडिया टीवी के दर्शकों को इस तरह की फर्जी खबरें आती हैं या उनके सेलफोन पर नफरत करने वाले वीडियो मिलते हैं, तो वे हमसे 93505 93505 पर संपर्क कर सकते हैं। आप इस तरह के संदेश मुझे ट्विटर @RajatSharmaLive पर भी भेज सकते हैं। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 02 मार्च 2020 का पूरा एपिसोड