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Rajat Sharma's Blog: पाकिस्तान को अपनी गुस्ताखियों का अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए

अगर पाकिस्तान जघन्य आतंकी हमलों की साजिश रचना और उन्हें अंजाम देना जारी रखता है तो उसे अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: May 29, 2020 18:13 IST
Rajat Sharma's Blog: पाकिस्तान को अपनी गुस्ताखियों का अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: पाकिस्तान को अपनी गुस्ताखियों का अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए

ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से लड़ने और इसके गंभीर आर्थिक परिणामों से जूझने में व्यस्त है, पाकिस्तान ने भारत के अंदर तबाही मचाने का अपना पुराना खेल खेलना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी सेना गुस्ताखी पर गुस्ताखी करके, जैसा कि गुरुवार को उसने पुलवामा में किया, भारत को उकसाने की कोशिश कर रही है। सीआरपीएफ जवानों के काफिले को निशाना बनाने के लिए एक आत्मघाती हमलावर 50 किलो विस्फोटक से लदी एक सफेद रंग की सैंट्रो कार लेकर हाइवे पर निकला था। इसे आप पुलवामा अटैक 2.0 भी कह सकते हैं।

बुधवार की रात इस कार को एक चेकपॉइंट पर रोकने की कोशिश की गई, लेकिन आत्मघाती हमलावर नहीं रुका और 2 चेकपॉइंट्स को पार कर गया, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग शुरू कर दी। हमलावर पुलवामा के राजपुरा के पास अयनगुंड नाम की जगह पर कार छोड़कर पास के जंगल में भाग गया। बाद में इस कार को सुरक्षाबलों ने नियंत्रित विस्फोट करके नष्ट कर दिया। विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि कार का मलबा 60 फीट की ऊंचाई तक उड़ गया और इसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। जिस जगह पर कार में ब्लास्ट किया गया था, वहां एक बड़ा गड्ढा बन गया था।

जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने कहा, कार अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स से भरी थी और इसका मास्टरमाइंड पाकिस्तान का जैश आतंकवादी जमील पादशाह था, जो पिछले 5 सालों से घाटी में सक्रिय है। आत्मघाती कार बम हमले की यह कोशिश ठीक वैसी ही थी जैसी पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में की गई थी। उस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद भारतीय वायु सेना के जेट विमानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में लश्कर के शिविर पर बमबारी की थी। बेहद ही सटीक खुफिया सूचना पर कार को रोक कर राज्य पुलिस, सीआरपीएफ और सेना की एक संयुक्त टीम ने गुरुवार को हमले की साजिश को नाकाम कर दिया।

यह भी एक कमाल का संयोग है कि सिर्फ 8 दिन पहले ही, 21 मई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया था कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ या फर्जी आरोप लगाने का अभियान शुरू कर सकता है। जिस समय इमरान खान अपना ट्वीट पोस्ट कर रहे थे, उस समय हमारे भारतीय सुरक्षा खुफिया कर्मी इस बम से लदी कार की तलाश में व्यस्त थे। पाकिस्तान से आई फोन कॉल्स को इंटरसेप्ट करने के बाद यह सटीक खुफिया सूचना मिली थी कि विस्फोटक से भरी एक कार आत्मघाती बम विस्फोट को अंजाम देने के लिए रात में पुलवामा के लिए रवाना होगी। पुलिसकर्मियों ने राज्य में सभी खोई और बेची गई कारों की लिस्ट बनाई और इसके आधार पर उनकी निगाहें JK 08B 1426 नंबरप्लेट वाली इस कार पर आकर टिक गईं।

पुलिस का मानना है कि यह जैश, लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन का जॉइंट ऑपरेशन था जिसे नाकाम कर दिया गया। मुख्य साजिशकर्ता निश्चित रूप से पाकिस्तान है जो घाटी में अशांति फैलाने के लिए इन आतंकवादी संगठनों को रास्ता दिखा रहा है। साजिश के तहत विस्फोटक से भरी कार को हाइवे के पास तैयार रखना था और फिर इसे सीआरपीएफ के 400 जवानों के साथ चल रहे 20 गाड़ियों के काफिले में ले जाकर भिड़ा देना था। यह काफिला गुरुवार सुबह जम्मू लौटने के लिए श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में अपने कैंप से निकलने वाला था। सूत्रों ने बताया कि कार में IED विस्फोटकों की फिटिंग केवल वहीद भाई ही कर सकता था, जिसे आतंकवादी हलकों में IED विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। यह वही शख्स है जिसने पिछले साल पुलवामा हमले में इस्तेमाल की गई कार में IED फिट किया था। वाहिद भाई हाल ही में उस मुठभेड़ में बचकर भाग निकलने में कामयाब रहा था जिसमें 2 आतंकी ढेर हुए थे।

इसमें कोई शक नहीं कि इस आत्मघाती बम विस्फोट की नाकाम साजिश पाकिस्तान की सेना ने रची थी। पाकिस्तानी सेना के इस्टैब्लिशमेंट ने 8 दिन पहले ट्वीट करने के लिए अपने कठपुतली प्रधानमंत्री इमरान खान का इस्तेमाल किया था जिसमें उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि भारत कश्मीर में 'फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन' के बाद पाकिस्तान पर हमला कर सकता है। 21 मई को इमरान खान ने ट्वीट किया था: ‘मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि IOJK में चल रहे नरसंहार से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए भारत एक बार फिर झूठे आरोपों का अभियान शुरू कर सकता है।’

इमरान खान और पाकिस्तानी सेना ने पहले भी इसी तरह के ट्वीट किए थे, जिसमें यह आशंका व्यक्त की गई थी कि भारत ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’कर सकता है। पाकिस्तानी पीएम को साफ पता था कि एक और पुलवामा हमले की कोशिश होने वाली है, और हमले को सफलतापूर्वक अंजाम देने की स्थिति में वह बहानेबाजी की तैयारी कर रहे थे। इमरान खान की पूरी प्लानिंग को हमारी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने नाकाम कर दिया, जिन्हें इस आतंकी हमले के बारे में सटीक जानकारी मिल गई थी।

मैं एक बड़े हमले की साजिश को रोकने में कामयाब रहने के लिए अपनी खुफिया एजेंसियों की तहे दिल से तारीफ करना चाहता हूं। अपने मकसद में नाकाम आत्मघाती हमलावर की तलाश करते हुए हमारी सुरक्षा एजेंसियों को यह भी पता लगाना चाहिए कि हमारे प्रतिष्ठानों के अंदर वे कौन से गद्दार हैं जो सिक्यॉरिटी फोर्स के मूवमेंट के बारे में दुश्मन को महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराते हैं। सवाल यह है कि पाकिस्तान की नापाक योजना के पीछे मकसद क्या था? पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तानी सेना और उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई कश्मीर में आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को इन चीजों के बारे में पता था, वर्ना उन्होंने ऐसे किसी भी आतंकी हमले के बारे में ट्वीट नहीं किया होता जिसे 8 दिन बाद अंजाम दिया जाना था।

जब भारत कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में और हमारी सुरक्षा और कूटनीतिक एजेंसियां लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध में व्यस्त हैं, पाकिस्तानी रणनीतिकारों ने सोचा होगा कि यह एक बड़ा आतंकी हमला करने का सबसे सही मौका है। उन्होंने सोचा होगा कि ऐसा करके वे भारत की रातों की नींद हराम कर देंगे। पाकिस्तान के रणनीतिकारों ने सोचा था कि भारत एक साथ 2 मोर्चे, एक चीन के खिलाफ और दूसरा पाकिस्तान के खिलाफ खोलेने से बचेगा और वह इस मौके को भुनाना चाहता था।

पाकिस्तान और चीन दोनों ही एक बात भूल गए। उनका ध्यान इस तथ्य की तरफ गया ही नहीं कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला भारत है, जो उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब देने की क्षमता रखता है। मोदी ने पिछले साल बालाकोट हवाई हमले के दौरान ऐसा करके दिखा भी दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान छिपने के लिए जगह ढूंढ़ने पर मजबूर हो गया था। बुधवार को इमरान खान ने ट्वीट किया था कि भारतीय सेना पाक अधिकृत कश्मीर पर हमला कर सकती है। खैर, अगर पाकिस्तान जघन्य आतंकी हमलों की साजिश रचना और उन्हें अंजाम देना जारी रखता है तो उसे अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस बारे में शक की कोई गुंजाइश भी नहीं होनी चाहिए। (रजत शर्मा)

देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 28 मई 2020 का पूरा एपिसोड

 

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