महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने गुरुवार को सिंधुदुर्ग जिले में गाद नदी पर बन रहे पुल के निर्माण में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान पीडब्ल्यूडी के डिप्टी इंजीनियर के साथ बदसलूकी की और उनके ऊपर कीचड़ भरी बाल्टी उड़ेल दी।
कांग्रेस विधायक नितेश राणे ने पहले तो निर्माण स्थल पर डिप्टी इंजीनियर को बुलाया और जब इंजीनियर वहां पर पहुंचा तो उसके साथ बदसलूकी की। इस घटना के वीडियो में डिप्टी इंजीनियर प्रकाश शेडकर को पुल की रेलिंग से बंधा हुआ दिखाया गया है। इस वीडियो में वह माफी मांगते हुए राणे और उनके समर्थकों से खुद को छोड़ देने की अपील कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में आए इस पुल का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से कराया जा रहा है और इंजीनियर को यहां प्रतिनिुयक्ति पर भेजा गया था। जैसे ही न्यूज चैनलों पर इस घटना का वीडियो दिखाया गया, नितेश राणे स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचे जहां उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चेतावनी दी है कि इस तरह का गलत व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जबकि नारायण राणे ने अपने बेटे की इस करतूत पर माफी मांगी है। हालांकि उन्होंने पुल निर्माण में हो रही देरी पर प्रदर्शन करने के लिए अपने बेटे का बचाव किया है, लेकिन कहा कि इंजीनियर के साथ बदसलूकी स्वीकार्य नहीं है, ऐसा नहीं होना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि नितेश राणे ने इस तरह की हरकत कोई पहली बार की है। दो बार पहले भी वे अफसरों के साथ बदसलूकी कर चुके हैं और ये उनकी फितरत है। इससे पहले एक होटल मालिक के साथ विवाद के बाद उसे धमकाया और होटल पर हमला करवाया। इस घटना के लिए नितेश राणे को जेल भी जाना पड़ा। एक बार उन्होंने गुजरातियों को महाराष्ट्र छोड़ने की धमकी भी दी थी।
इस विधायक के खिलाफ पहले से ही कई मामले लंबित हैं और अब वक्त आ चुका है कि पुलिस को अदालत के सामने उनका पूरा चिट्ठा रख देना चाहिए। पुलिस को अदालत से कहना चाहिए कि इस बिगड़ैल शहजादे को जल्द से जल्द और कड़ी से कड़ी सजा दे, ताकि इस तरह का व्यवहार करने वाले सभी लोगों को एक सही संदेश मिल सके।
मैं बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने की मांग करता हूं, जिसने एक सप्ताह पहले भरी जनता के बीच नगर निगम के अधिकारी की बल्ले से पिटाई की थी।
हालांकि ये सही है कि नितेश राणे सड़क की हालत को देखकर नाराज थे, सड़क ना बनने से जनता को दिकक्त होती है और लोककल्याण के लिए जन-प्रतिनिधि चिंतित भी रहते हैं। लेकिन अगर इस तरह से कोई कानून हाथ में लेकर अफसरों को मौके पर ही सजा देने लगेगा तो फिर कानून का क्या होगा। ऐसी स्थिति में हम कैसे यह दावा कर सकते हैं कि कानून का राज है। नितेश राणे जन-प्रतिनिधि हैं जिनका काम कानून बनाने का है, कानून तोड़ने का नहीं। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 04 जुलाई 2019 का पूरा एपिसोड