Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma's Blog: अयोध्या के फैसले को शांति से स्वीकार करना आम लोगों से सीखें नेता

Rajat Sharma's Blog: अयोध्या के फैसले को शांति से स्वीकार करना आम लोगों से सीखें नेता

राजनीति भी बड़ी अजीब चीज है, जहां नेता हर मामले में अपनी सोच के हिसाब से निष्कर्ष निकाल लेते हैं। ओवैसी और उनके जैसे नेताओं को पता होना चाहिए कि ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार किया गया है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : February 06, 2020 19:39 IST
Rajat Sharma's Blog: Leaders should learn from common people to accept Ayodhya verdict peacefully
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: Leaders should learn from common people to accept Ayodhya verdict peacefully 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने से 4 दिन पहले बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा कर दी। यह ट्रस्ट अयोध्या में 67.7 एकड़ के भूखंड पर, जहां भगवान राम का जन्मस्थान है, राम मंदिर का निर्माण करेगा। केंद्रीय कैबिनेट ने मंदिर और इसके आसपास के परिसर के निर्माण के लिए एक विस्तृत योजना को मंजूरी दे दी है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनुपालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने फैजाबाद-लखनऊ हाईवे पर मंदिर स्थल से लगभग 25 किमी दूर मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित की है। यह जमीन यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी जाएगी। संसद में सदस्यों ने प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत किया। वहीं, संसद के बाहर की बात करें तो योगगुरू स्वामी रामदेव वह पहले शख्स थे जिन्होंने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि देश भाग्यशाली है कि उसके पास नरेंद्र मोदी जैसे पीएम हैं जिन्होंने करोड़ों हिंदुओं की आस्था और विश्वास को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।

लखनऊ के ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, ‘मंदिर पर विभाजनकारी राजनीति अब समाप्त होनी चाहिए और यह सुन्नी वक्फ बोर्ड पर निर्भर है कि वह सरकार द्वारा दी गई जमीन को स्वीकार करता है या नहीं।’ यह एक स्वागत योग्य बयान है। मुझे याद है, जब सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला देने वाला था, तब RSS और BJP के नेताओं ने अपने समर्थकों को हर कीमत पर शांति बनाए रखने और सार्वजनिक तौर पर जश्न मनाने से परहेज करने का निर्देश दिया था। अयोध्या के फैसले को सभी पक्षों ने शांतिपूर्वक स्वीकार किया था।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्रस्ट के गठन को लेकर पीएम के ऐलान की टाइमिंग पर सवाल उठाए और इसे दिल्ली चुनावों से जोड़ते हुए कहा कि इससे बीजेपी को कोई फायदा नहीं होने वाला। राजनीति भी बड़ी अजीब चीज है, जहां नेता हर मामले में अपनी सोच के हिसाब से निष्कर्ष निकाल लेते हैं। ओवैसी और उनके जैसे नेताओं को पता होना चाहिए कि ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार किया गया है। अदालत ने इसके लिए 9 फरवरी तक की जो समयसीमा दी थी, वह समाप्त होने वाली थी। इसलिए ट्रस्ट का गठन किया जाना आवश्यक था, और ओवैसी जैसे नेताओं को इस मुद्दे पर समाज का ध्रुवीकरण करने की कोशिश बंद करनी चाहिए। 

मेरा मानना है कि अब मंदिर के मुद्दे पर सियासत बंद होनी चाहिए, और हमारे नेताओं को कम से कम देश के आम हिंदुओं और मुसलमानों से सीखना चाहिए, जिन्होंने अदालत के फैसले को शांति और विनम्रता के साथ स्वीकार किया है। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, देखिए 05 फरवरी 2020 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement