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Rajat Sharma's Blog: लैंडर विक्रम को खोने के बावजूद इसरो के साथ मजबूती से खड़ा है भारत

विक्रम जब चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर था, तभी यह अपने रास्ते से थोड़ा भटक गया जिसके बाद धरती पर मौजूद स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: September 07, 2019 18:04 IST
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Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: India firmly stands by our ISRO scientists despite Vikram setback

सब कुछ ठीक था और देश देर रात तक जागकर चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम को भरपूर आशा के साथ चांद पर उतरते हुए देख रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रत्येक देशवासी एक अच्छी खबर आने का इंतजार कर रहा था। ब्रेक लगाए जाने के बाद विक्रम भी धीमी होती गति के साथ नीचे उतर रहा था। विक्रम जब चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर था, तभी यह अपने रास्ते से थोड़ा भटक गया जिसके बाद धरती पर मौजूद स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया।

शुरुआत में तो मिशन नियंत्रण केंद्र में दुविधा की स्थिति थी, क्योंकि वैज्ञानिकों को लग रहा था कि विक्रम इतना सब होने के बावजूद कोई न कोई संकेत दे सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके साथ ही पूरे माहौल में निराशा फैल गई और इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने घोषणा कर दी कि लैंडर के साथ संपर्क टूट गया है और डेटा को एकत्रित किया जा रहा है।

भारत मिशन के इतना करीब आकर भी इससे दूर रह गया। शनिवार की सुबह बेंगलुरु में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि ‘कोई भी बाधा हमारे सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से नहीं रोक सकती।’ मोदी ने कहा, 'असफलता से घबराए बिना डटे रहना भारत की परंपरा रही है। यही कारण है कि तमाम तरह की बाधाओं के बावजूद हमारी सभ्यता हमेशा आगे बढ़ी। मैं गर्व से कह सकता हूं कि यह यात्रा और कोशिश सफल थी।'

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर शान से चांद के चक्कर लगा रहा है और वह ऐसा करना जारी रखेगा। उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा भारत माता की जय के लिए समर्पित किया है। मोदी ने कहा, ‘बाधा अंतिम चरण (विक्रम के लैंड करते वक्त) में आई थी, लेकिन रुकावट के कुछ क्षण हमें अपने लक्ष्य से भटका नहीं सकते। आज की बाधा के बाद चंद्रमा को गले लगाने का हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है। आप बेहद करीब तक पहुंच गए थे।’

आज हर भारतीय को पूरा भरोसा है कि हमारे काबिल अंतरिक्ष वैज्ञानिक निश्चित तौर पर एक और चंद्र मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने का रास्ता ढूंढ़ लेंगे। हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की। यह एक ऐसा इलाका है जहां अब तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है। मुझे यकीन है कि ‘नई सुबह’, जिसके बारे में प्रधानमंत्री बात कर रहे थे, हमारे ISRO के वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों के चलते जल्द ही आएगी। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 06 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड

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