Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma's Blog: मोदी ने कैसे लद्दाख में हमारे जवानों के मनोबल को बेहद ऊंचा कर दिया

Rajat Sharma's Blog: मोदी ने कैसे लद्दाख में हमारे जवानों के मनोबल को बेहद ऊंचा कर दिया

 फॉरवर्ड लोकेशन पर जाकर मोदी चीन को एक कड़ा संदेश देना चाहते थे: तुम ठीक से रहोगे तो हम भी शांति से रहेंगे, लेकिन अगर तुमने हद पार की तो हम करारा जवाब देंगे। मोदी की लद्दाख यात्रा ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। 

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : July 04, 2020 17:04 IST
Rajat Sharma's Blog: मोदी ने कैसे लद्दाख में हमारे जवानों के मनोबल को बेहद ऊंचा कर दिया
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: मोदी ने कैसे लद्दाख में हमारे जवानों के मनोबल को बेहद ऊंचा कर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख की एक फॉरवर्ड लोकेशन पर अपनी सरप्राइज विजिट के दौरान चीन को एक कड़ा संदेश दिया। चीन का नाम लिए बगैर मोदी के निमू में भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। यह युग विकासवाद का है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया और मानवता के विनाश का प्रयास किया।’

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘विस्तारवाद की जिद किसी पर सवार हो जाती है तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें या तो मिट गई हैं या मुड़ने को मजबूर हो गई है। इसी अनुभव के आधार पर अब इस बार फिर से पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है।’

प्रधानमंत्री ने पिछले महीने गलवान घाटी में बगैर किसी हथियार के ही चीनी सैनिकों से लड़ते हुए अदम्य साहस का परिचय देने के लिए जवानों की प्रशंसा की। मोदी ने कहा, ‘आपने और आपके साथी जवानों ने शत्रुओं को जो वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में भारत की ताकत का संदेश दिया है। मैं शहीद होने वाले बहादुर जवानों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पूरे देश ने हमारे बहादुर शहीदों का आभार जताया है।’

मोदी ने कहा, ‘भारत माता के दुश्मनों ने आपकी ‘फायर’ को भी देखा है और आपकी ‘फ्यूरी’ को भी देखा है। आपकी बहादुरी मुझे यह कहने की ताकत देती है कि भारत, जो कभी किसी के सामने नहीं झुका, भविष्य में भी कभी किसी के सामने नहीं झुकेगा और आत्मनिर्भर बनेगा।’ जवानों ने प्रधानमंत्री के भाषण के बाद ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए।

बाद में मोदी ने शहीदों के स्मारक पर माल्यार्पण किया और सेना के घायल जवानों से अस्पताल में मुलाकात की। 11,000 फीट की ऊंचाई पर जवानों को संबोधित करने के लिए मोदी ने जो यात्रा की उसने हमारे उन सशस्त्र बलों के मनोबल को काफी बढ़ाया है, जो चीन के एक बड़े सैन्य जमावड़े का मुकाबला करने के लिए इस समय वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं।

मोदी ने चीनियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा, ‘लद्दाख का ये पूरा हिस्सा भारत का मस्तक है। यह 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक है। हमारे धार्मिक शास्त्र कहते हैं, वीर भोग्या वसुंधरा। यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं, ये धरती वीर भोग्या है।’ देर रात को चीनी विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चीन के ‘विस्तारवादी’ होने के आरोप को ‘आधारहीन’ बताया।

मोदी ने वह किया है जो अब तक दुनिया के किसी भी नेता ने नहीं किया है। उन्होंने ऐसे समय में भारतीय सेना की फॉरवर्ड लोकेशन का दौरा किया, जब तनाव और सैन्य जमावड़ा अपने चरम पर है। उनका दौरा एक ऐसे समय में हुआ है जब भारतीय वायु सेना के जेट और बॉम्बर्स लगातार उड़ानें भर रहे हैं और एलएसी पर टैंकों, आर्टिलरी गन हजारों कमांडो और जवानों की तैनाती की गई है। उन्होंने जवानों से मुलाकात की, उनकी वीरता को सलाम किया और चीन को स्पष्ट चेतावनी दी। यह निश्चित तौर पर हमारे जवानों के मनोबल को बढ़ाने वाला कदम था।

चीन और दुनिया के लिए मोदी का संदेश बिल्कुल साफ था: यह बदला हुआ भारत है और उसकी सेना दुश्मनों को कुचलने के लिए पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। उन्होंने तब रूपक के तौर पर धार्मिक प्रतीकों का भी इस्तेमाल किया जब उन्होंने कहा कि हम वे लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं लेकिन हम वे लोग भी हैं जो उसी कृष्ण की पूजा करते हैं जिन्होंने सुदर्शन चक्र धारण किया था। इसका उद्देश्य चीन को एक कड़ा संदेश देना था: भारत शांति चाहता है, लेकिन यदि हमला किया गया तो वह जवाब देने के लिए तैयार है।’ मोदी ने कहा, ‘कमजोर कभी शांति की पहल नहीं कर सकता और वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है।’

एक सुलझे हुए राजनेता के रूप में मोदी ने जवानों और दुश्मनों, दोनों को अपना संदेश देने के लिए सही समय, स्थान और संदर्भ चुना। उनका संदेश बेहद सटीक और संतुलित था। उन्होंने अपने शब्दों को बहुत ध्यान से चुना। प्रधानमंत्री ने अपने दिल की गहराई से बात की और बहादुर शहीदों की प्रशंसा में हिंदी कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां पढ़ीं। उन्होंने ‘माता’ के रूपक का इस्तेमाल करते हुए कहा कि जब वह राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं तो 2 माताओं के बारे में सोचते हैं, पहली, भारत माता और दूसरी, सीमा पर लड़ने वाले सभी जवानों की माताएं।

यह यात्रा किसी राजनेता या प्रधानमंत्री की नहीं थी। यह नरेंद्र मोदी थे, जो व्यक्तिगत तौर पर सेना के जवानों तक 130 करोड़ भारतीयों का यह संदेश पहुंचाना चाहते थे कि पूरा देश उनके पीछे खड़ा है। जब मोदी ने हाथ जोड़कर सैनिकों के सामने सिर झुकाया, तो सेना के जवानों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।

अपने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और आर्मी चीफ के साथ सीमा के पास एक फॉरवर्ड लोकेशन पर जाकर मोदी चीन को एक कड़ा संदेश देना चाहते थे: तुम ठीक से रहोगे तो हम भी शांति से रहेंगे, लेकिन अगर तुमने हद पार की तो हम करारा जवाब देंगे। मोदी की लद्दाख यात्रा ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। भारत की जनता जानती है कि राष्ट्र एक मजबूत और सक्षम नेता के सुरक्षित हाथों में है। चीन को अब यह समझ में आ गया है कि अपने ड्रैगन की आग से वह भारतीय शेर का बाल भी बांका नहीं कर सकता। (रजत शर्मा)

देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 03 जुलाई 2020 का पूरा एपिसोड

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement