Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma’s Blog। कोरोना महामारी: तेज करनी होगी वैक्सीनेशन की रफ्तार

Rajat Sharma’s Blog। कोरोना महामारी: तेज करनी होगी वैक्सीनेशन की रफ्तार

गुरुवार रात तक पूरे देश में 16.48 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, लेकिन भारत की बड़ी आबादी की तुलना में यह आंकड़ा बेहद कम है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: May 08, 2021 16:33 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

कोरोना महामारी का कहर पूरे देश में जारी है। संक्रमण के नए मामलों की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही और मौत के आंकड़े इस घातक संक्रमण की डरावनी तस्वीर पेश कर रहे हैं। गुरुवार को एक बार फिर कोरोना के नए मामलों ने एक नया रिकॉर्ड बनाया।

 
देशभर में कोरोना के 4 लाख 14 हजार से ज्यादा मामले सामने आए जबकि 24 घंटे में इस संक्रमण ने करीब 4 हजार (3,927) लोगों की जान ले ली। पिछले 10 दिनों से कोरोना संक्रमण से रोजाना मरनेवालों की संख्या तीन हजार से ऊपर रही है। कोरोना  के कारण हर घंटे औसतन 150 भारतीयों की मौत हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साप्ताहिक अनुमान के मुताबिक, दुनिया में कोरोना के रोजाना नए मामलों में 46 प्रतिशत भारत से हैं। वहीं दुनिया में इस घातक संक्रमण से रोजाना होनेवाली मौतों की बात करें तो रोज़ाना 25 प्रतिशत मौतें भारत में हो रही है। 
 
प्रभावित राज्यों की सूची में महाराष्ट्र अभी भी सबसे आगे है। कल यहां कोरोना के कुल 62,194 नए मामले सामने आए हैं जबकि 853 लोगों की मौत हुई । महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर कर्नाटक है जहां कल 49,058 नए मामले आए  और 328 लोगों की मौत हुई । केरल में 42,464 नए मामले आए और 63 मौतें हुई, उत्तर प्रदेश में 26,780 नए मामले आए और 353 मौतें हुईं हैं। तमिलनाडु की बात करें तो यहां 24,898 नए मामले आए हैं और 195 लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश में 21,954 नए मामले आए और 72 मौतें हुईं, राजस्थान में 17,532 नए मामले आए और 161 मौतें हुई, छत्तीसगढ़ में 13,846 नए मामले आए और 212 लोगों की मौत हुई। गुजरात में 12,545 नए मामले आए और 123 लोगों की जान चली गई। मध्य प्रदेश में 12,421 नए मामले सामने आए और 86 लोगों की मौत हो गई। पंजाब में कुल 8,874 नए मामले आए और 154 मौतें हुईं और उत्तराखंड में 8,517 नए मामले सामने आए और 151 लोगों की मौत हो गई। 
 
महामारी के फैलाव से यह साफ है कि देश के दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तरी राज्यों को कोरोना की दूसरी लहर की जबर्दस्त मार झेलनी पड़ रही है। गुरुवार रात तक पूरे देश में 16.48 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, लेकिन भारत की बड़ी आबादी की तुलना में यह आंकड़ा बेहद कम है। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। वैक्सीन की पर्याप्त स्टॉक खड़ा करने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने की जरूरत है। 
 
अच्छी खबर ये है कि अमेरिका से कच्चा माल भारत आ चुका है जिसकी मदद से दो करोड़ कोविशिल्ड डोज तैयार होंगे। अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और न्यूजीलैंड ने कहा है कि वे वैक्सीन पर इंटेलेक्चु्अल प्रॉपर्टी राइट ( बौद्धिक संपदा अधिकार) हटाने के लिए चर्चा करने को तैयार हैं, लेकिन जर्मनी, ब्रिटेन, जापान और स्विट्जरलैंड ने इसका विरोध किया है। यदि पेटेंट किए गए वैक्सीन पर बौद्धिक संपदा अधिकार हटा लिया जााता है या माफ किया जाता है, तो इससे भारत और अन्य विकासशील देशों को फाइजर, मॉडर्ना, और नोवोवैक्स जैसे पेटेंट वाले वैक्सीन के निर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
 
इस बीच, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ऑक्सीजन की सप्लाई पहले से कुछ बेहतर तो  हुई है, हालांकि इस बारे में अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है। तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट को  कल बताया कि उसके पास अस्पतालों के लिए केवल एक दिन का ऑक्सीजन स्टॉक बचा है। दिल्ली सरकार को गुरुवार को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली। इसके बाद  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट को धन्यवाद दिया।
 
ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ने के बावजूद दिल्ली और कुछ पड़ोसी राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसंट्रेटर्स, दवाईयों की जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग जारी है। गुरुवार रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने दिखाया कि पुराने और इस्तेमाल किए गए आग बुझाने की मशीन का मेकओवर कर इसे ऑक्सीजन सिलेंडर बनाकर बेचा जा रहा है। आग बुझाने वाला सिलेंडर लाल रंग का होता है और ऑक्सजीन का सिलेंडर काले रंग का होता है। इसलिए सबसे पहले इन लाल सिलेंडर  को काले रंग में रंगा जाता है। ऊपर वाले हिस्से को सफेद या सिल्वर कलर में पेंट किया जाता है ताकि यह बिल्कुल असली सिलेंडर जैसा दिखे। इसके बाद ये जालसाज आग बुझाने वाले सिलेंडर का नोजल हटाकर ऑक्सीजन सप्लाई करने वाला नोजल लगा देते हैंऔर फिर इसे नया ऑक्सीजन सिलेंडर बता कर बेच देते हैं। दिल्ली के शाहदरा में ऑक्सीजन सिलेंडर के तौर पर ऐसे सिलेंडर कोरोना मरीजों के रिश्तेदारों को बेचा जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया और 532 आग बुझाने वाले सिलेंडर जब्त किए। इन सिलेंडर्स को ऑक्सीजन सिलेंडर के रूप में बदलने के लिए फैक्ट्री में रखा गया था। 72 नकली ऑक्सीजन सिलेंडर भी जब्त किए गए। जरा सोचिए कि ये कितना खतरनाक काम है। ये नकली ऑक्सीजन सिलेंडर 15,000 से 17,000 रुपये में बेचे जा रहे थे।
 
इस तरह के सिलेंडर्स से मरीज की जान के साथ ही उसके परिवार वालों की जान को भी खतरा है। ऐसे सिलेंडर्स ऑक्सीजन रीफिलिंग सेंटर्स में काम करने वाले कर्मचारियों की जान  भी ले  सकते हैं। पुलिस ने इस गिरोह के जिन सदस्यों को गिरफ्तार किया वे कबाड़ियों से इन सिलेंडर्स को खरीदते थे। असल में आग बुझाने वाले सिलेंडर में कार्बन डाईऑक्साइड भरी होती है। इन सिलेंडर्स को भले ही बाहर से रंग दिया जाए लेकिन अन्दर से इनकी सफाई तो नहीं होती है। अगर कचरा , लोहे का बुरादा हुआ या किसी भी तरह की गंदगी हुई तो मरीज की जान जा सकती है। चूंकि ये सिलेंडर एक निश्चित प्रेशर वाली क्षमता के होते हैं और अगर उसमें उस क्षमता से ज्यादा गैस भर दी गई तो ब्लास्ट हो सकता है। इसलिए खतरा बड़ा है। कोरोना मरीजों के रिश्तादारों से मेरी यह अपील है कि कृपया सावधान रहिए। अगर कोई इस तरह के सिलेंडर बेच रहा है तो बिल्कुल मत खरीदिए, पुलिस को खबर दे दीजिए। 
 
उधर, लोधी कॉलोनी के एक रेस्तरां में दिल्ली पुलिस ने छापा मारकर ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया। यहां ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर्स को मनमाने दाम पर बेचा जा रहा था। इस गिरोह के लोग चीन से ऑक्सीजन कॉन्स्ट्रेटर्स 20 से 25 हजार रुपए में मंगा कर उन्हें ऑनलाइन 60 से 70 हजार रुपए में बेच रहे थे। पुलिस को छापे में यहां से 9 लीटर और 5 लीटर की क्षमता वाले ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर्स के 32 बॉक्स मिले। इसके साथ ही थर्मल स्कैनर का एक बॉक्स और N95 मास्क के भी कई बॉक्स पुलिस ने बरामद किए। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
 
इस वक्त केवल दिल्ली में ही नहीं बल्कि दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो ऑक्सीजन के सिलेंडर्स की ब्लैकमार्केटिंग कर रहे हैं। एक-एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए तीन से चार गुना तक कीमत वसूल रहे हैं। गुरुग्राम में ड्रग कंट्रोलर डिपार्टमेंट और पुलिस ने मिलकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 260 ऑक्सीजन सिलेंडर्स बरामद हुए। इन सिलेंडर्स को मुंबई से एक ट्रक में लाया गया था और गुरुग्राम के बादशाहपुर में सामुदायिक केंद्र के पास इन्हें मनमानी कीमतों पर बेचा जा रहा था। इस गिरोह के लोग एक सिलेंडर के लिए 30 से 34 हजार रुपए तक वसूल रहे थे।.हैरानी की बात ये है कि छापे से पहले सिर्फ दो घंटे में इस गिरोह ने 250 सिलेंडर बेच भी दिए थे।
 
बुधवार की रात मैंने 'आज की बात' में दिखाया था कि कैसे मुंबई के पास उल्हासनगर के घरों में अनहाइजीनिक तरीके से आरटी-पीसीआर टेस्ट में इस्तेमाल की जानेवाली कॉटन स्वैब बड्स बनाई जा रही थी। जांच में पता चला कि उल्हासनगर के संत ज्ञानेश्वर इलाके में इस तरह से घरों में कोरोना टेस्ट में काम आने वाली कॉटन बड्स एक साल से बनाई जा रही थी। यानि पिछले साल जब कोरोना पीक पर था, उस वक्त से ही यहां काम शुरू हो गया था। इस खबर का असर ये हुआ कि इस इलाके में बनी कॉटन बड्स जहां-जहां सप्लाई की गई हैं, उन सब जगहों पर मौजूदा किट से कोरोना टेस्ट बंद कर दिया गया है। उल्हासनगर पुलिस की 7 टीम, महानगरपालिका की 6 और एफडीए की 4 टीमों ने संत ज्ञानेश्वर नगर पहुंचकर घरों की तलाशी ली। यहां से बड़ी संख्या में कॉटन बड्स को जब्त किया गया। किट बनाने के काम में लगे छह लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने कॉन्ट्रैक्टर महेश केसवानी उर्फ रबरवाला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। महेश केसवानी ने ही उल्हासनगर में रहने वाले गरीब परिवारों को किट बनाने का काम दिया था। पुलिस ने महेश केसवानी के ऑफिस, गोदाम और अलग-अलग ठिकानों पर छापे मारे।  फिलहाल महेश केसवानी फरार है और पुलिस उसे तलाश रही है।
 
इस रैकेट की जांच के लिए उल्हासनगर नगरपालिका ने एक जांच कमेटी बनाई है। मुझे उम्मीद है कि स्थानीय पुलिस कॉन्ट्रै्क्टर महेश केसवानी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करेगी, क्योंकि वह मुख्य अपराधी है। सोचिए जिन लोगों को एक कॉटन बड बनाने के लिए सिर्फ दो पैसे मिले रहे हों। सौ कॉटन बड बनाने पर सिर्फ दो रुपए मिल रहे हों, वो सैनेटाइजर कैसे खरीदेंगे? जहां बड बन रही है उस जगह को ये लोग कैसे सैनेटाइज करेंगे? ये लोग कॉटन को स्टरलाइज करेंगे और ग्लब्स पहनकर कॉटन बड को पैक करेंगे, इसकी उम्मीद करना भी बेकार है। इनलोगों का इसमें कोई कसूर नहीं हैं। कसूरवार तो वो कॉन्ट्रैक्टर है, जिसने कॉटन बड बनवाने का काम इन लोगों को दिया। इस कॉन्ट्रैक्टर को जितनी जल्द गिरफ्तार किया जाए उतना अच्छा होगा। इस तरह के लोगों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि भविष्य में कोई दूसरा व्यक्ति ऐसा कारोबार करने का दुस्साहस न कर सके। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 06 मई, 2021 का पूरा एपिसोड

 

 

 

 

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement