उत्तरी थाईलैंड की पानी से भरी संकरी और खतरनाक गुफा में 18 दिनों तक जिंदगी बचाने की कोशिश का आखिरकार पटाक्षेप हो गया। इस गुफा में फुटबॉल टीम के 12 बच्चे और उनके कोच फंसे हुए थे जो जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय रेस्क्यू मिशन ने पूरी दुनिया के सामने एक उदाहरण रखा कि कैसे बहादुरी और तकनीकी के साथ कठिन बाधाओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
हम सभी को उस कोच की तारीफ करनी चाहिए जिसने इन बच्चों का मनोबल ऊंचा बनाए रखा और उन्हें यह बताया कि कठिन परिस्थितियों में कैसे जिंदा रहना है। उसने अपना भोजन बच्चों के बीच बांटा और उन्हें धैर्य बनाए रखने का हौसला दिया। दुनिया को जब इस हादसे का पता चला तो थाई नेवी सील के गोताखोरों की मदद के लिए विभिन्न देशों से प्रशिक्षित और अनुभवी गोताखोर भेजे गए।
हमें यह उम्मीद करनी चाहिए कि जो बच्चे इस घटना के दर्दनाक अनुभव से गुजरे हैं वे जल्द ही अस्पताल से ठीक होकर निकलेंगे और फीफा की तरफ से मिले प्रस्ताव के मुताबिक वर्ल्ड कप फाइनल मैच का लुत्फ उठाएंगे। (रजत शर्मा)