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Rajat Sharma Blog: भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए पाक का रुख कहीं नरम तो कहीं गरम

यदि पाकिस्तान इस गलियारे को खोलता है और भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त प्रवेश देता है तो निश्चित तौर पर यह स्वागतयोग्य कदम है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: September 08, 2018 18:28 IST
Rajat Sharma Blog: Why Pakistan is blowing hot, blowing cold on normalizing relations with India- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Why Pakistan is blowing hot, blowing cold on normalizing relations with India

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में दर्शन करने भारत से आनेवाले सिख तीर्थयात्रियों के लिए उनका देश बगैर वीजा के आगमन की सुविधा मुहैया कराने की योजना पर काम कर रहा है। बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में मंत्री ने कहा कि भारतीय सीमा से गुरुद्वारा तक सिख तीर्थयात्रियों को ले जाने के लिए एक विशेष गलियारा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'उन्हें वापस जाने के लिए टिकट खरीदना होगा।'

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह सुविधा गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के समारोह तक ही सीमित रहेगी या इसे स्थाई तौर पर लागू किया जाएगा। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में आखिरी सांस ली थी। 1559 में यहां पर रावी नदी के किनारे गुरुद्वारे का निर्माण हुआ था जो कि बॉर्डर से करीब 3 किलोमीटर दूर है।

यदि पाकिस्तान इस गलियारे को खोलता है और भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त प्रवेश देता है तो निश्चित तौर पर यह स्वागतयोग्य कदम है। गुरुनानक देव करतारपुर में 18 साल तक रहे। यह पवित्र गुरुद्वारा बॉर्डर से साफ नजर आता है और हजारों सिख तीर्थयात्री रोजाना बॉर्डर के पास खड़े होकर करतारपुर साहिब के दर्शन करने आते हैं। बीएसएफ के जवान सरहद पर लगे सरकंडों और बड़ी घास को काटते हैं ताकि सिख श्रद्धालु गुरद्वारे के दर्शन कर सकें। अगर पाकिस्तान सिखों को करतारपुर तक बिना वीजा के आने-जाने की इजाजत देता है तो ये दोनों मुल्कों के बीच संबंध सुधारने की दिशा में इमरान खान सरकार का पहला कदम माना जाएगा।

इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से वादा किया था कि उनका देश करतारपुर बॉर्डर को खोलने की योजना बना रहा है। हालांकि गुरुवार को जनरल बाजवा ने रक्षा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह चेतावनी दी कि उनकी सेना 'सीमा पर बहे खून के एक-एक कतरे का बदला लेगी।' वे नियंत्रण रेखा पर गोलियों के शिकार हुए सैनिकों का जिक्र कर रहे थे।

पिछले कई दिनों से मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स आ रही थी कि जनरल बाजवा भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के पक्ष में हैं लेकिन उनके भाषण में 'बदला' वाली टिप्पणी से बिल्कुल अलग संदेश गया है। हो सकता है जनरल ने ये बात अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए कही हो, लेकिन निश्चित तौर पर यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच के रिश्तों को सामान्य बनाने के अनुकूल बिल्कुल नहीं है।

मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि सेना और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच बेहद मधुर संबंध हैं और यह बात सही साबित होती भी दिख रही है। इमरान खान ने इसी समारोह में कहा कि पाकिस्तान अब किसी अन्य देश का युद्ध नहीं लड़ने जा रहा है। उनका संदर्भ पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान युद्ध में अमेरिका को उपलब्ध कराई जानेवाली मदद को लेकर था। इमरान खान ने जो कहा वो उनकी मजबूरी हो सकती है। लेकिन बड़ी-बड़ी बातें करने वाले पाकिस्तान के हुक्मरान ये भी जानते हैं कि पाकिस्तान की अंदरूनी हालत कैसी है। यह देश एक भयंकर आर्थिक संकट की गर्त में जा रहा है और इसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मदद की सख्त जरूरत है। (रजत शर्मा)

 

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