प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को हरियाणा के एक चुनावी रैली में बेहद जुझारू मूड में थे। उन्होंने पिछले 17 वर्षों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के निचले पायदान तक के नेताओं द्वारा उन्हें दी गई गालियों की एक पूरी लिस्ट पढ़ी।
पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कहा था 'आपके (राहुल) पिता की तारीफ उनके दरबारियों ने 'मिस्टर क्लीन' के रूप में की लेकिन उनका अंत 'भ्रष्टाचारी नंबर वन' के तौर पर हुआ। इस टिप्पणी से कांग्रेस नेताओं में खलबली मच गई और उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने उनके दिवंगत नेता का अपमान किया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से भी इसकी शिकायत की।
इसी संदर्भ में नरेंद्र मोदी ने गालियों की पूरी लिस्ट पढ़ी जो उन्हें पिछले कई वर्षों से दी जा रही थी। सोनिया गांधी ने उन्हें 'मौत का सौदागर' कहा था, मणिशंकर अय्यर उन्हें 'नीच' बता चुके हैं और राहुल गांधी तो अपनी हर पब्लिक मीटिंग में, हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहते हैं कि 'चौकीदार चोर है'।
अपने पिता के बारे में नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी के बाद राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया, 'लड़ाई खत्म हो चुकी है। आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं। मेरे पिता के बारे में अपने अंदर की मान्यताओं को सामने रखकर भी आप बच नहीं सकते। आपको मेरी तरफ से ढेर सारा प्यार, हम आपको गले लगाएंगे।'
कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में राहुल गांधी से पूछा गया कि उन्होंने अध्यादेश को फाड़कर तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन का अपमान क्यों किया था। राहुल ने कहा: 'मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूं। हमारे बीच पूरा और परस्पर सम्मान है। मैं उनके लिए प्यार और सम्मान भरे शब्द का इस्तेमाल करता हूं, न कि केवल सम्मान का।' इसलिए, अगर राहुल अपनी सरकार के प्रधानमंत्री का इतना बड़ा अपमान कर सकते हैं और कहते हैं कि वे उन्हें प्यार करते हैं, तो फिर अगर वे नरेन्द्र मोदी को 'चोर' कहते हैं तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है।
इसमें कोई शक नहीं कि नरेंद्र मोदी इस लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बन गए हैं। अगर मोदी का नाम हटा दें तो कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं के 90 प्रतिशत भाषण बेकार हो जाएंगे। जहां तक मोदी का सवाल है, वे वक्त, मौका और जगह के हिसाब से मुद्दे उठाते हैं। चूंकि मोदी की दो जनसभा बुधवार को हरियाणा में थी और रॉबर्ट वाड्रा पर हरियाणा में ही जमीन घोटाले के केस हैं, इसलिए मोदी ने पहली बार हरियाणा में ही सीधे-सीधे रॉबर्ट वाड्रा का जिक्र किया और उन्हें जेल भेजने की बात कही।
मोदी ने कहा; 'इस चौकीदार ने किसानों को लूटनेवाले शख्स को अदालत तक पहुंचा दिया है। वह जमानत लेने के लिए ईडी और अदालत के चक्कर लगा रहा है। वह सोचता था कि वह शहंशाह है, अब घबरा गया है। मैं उसे जेल के दरवाजे तक ले आया हूं। आप आशीर्वाद दें, मैं उसे अगले पांच साल के अंदर जेल में डाल दूंगा।'
वाड्रा ने यह कहकर मोदी को जवाब दिया; 'मैं आपकी रैली में फिर से अपना नाम सुनकर हैरान हूं। कृपया मेरा नाम लेकर मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना बंद करें।' वाड्रा ने गुरुवार को ट्वीट किया; 'क्या वे यह तय करने और दावा करने के लिए कानून से ऊपर हैं कि वे किसे कहां भेज सकते हैं?'
कांग्रेस के नेताओं को पीएम मोदी की बात चुभी तो होगी लेकिन मामला ऐसा है जिस पर कांग्रेस कुछ भी बोलेगी तो मुश्किल और बढ़ जाएगी। इसलिए वे चुप हैं। उन्होंने वाड्रा पर छोड़ दिया कि वे अपना बचाव खुद करें।
पीएम मोदी यहीं पर नहीं रुके। बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में मोदी ने आरोप लगाया कि 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपनी पत्नी, अपने इटली के रिश्तेदारों, अमिताभ और जया बच्चन जैसे दोस्तों और अन्य पारिवारिक सदस्यों को साथ लेकर लक्षद्वीप के बंगाराम द्वीप पर नए साल की छुट्टी मनाने गए थे। मोदी ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी ने इस द्वीप तक पहुंचने के लिए भारतीय नौसेना के सबसे बड़े युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक 'टैक्सी' के तौर पर किया।
10 दिनों की इस छुट्टी की शुरुआत 30 दिसंबर को हुई थी और मुझे आज भी याद है कि उस समय के अखबार और पत्रिकाओं में राजीव गांधी के इस हॉलीडे की काफी चर्चा हुई थी। उस वक्त प्राइवेट टीवी तो नहीं था लेकिन अखबारों और पत्रिकाओं में इसकी तस्वीरें भी छपीं थीं। इससे जाहिर है कि मोदी उन मुद्दों को उठा रहे हैं जो सीधे तौर पर गांधी परिवार को आहत करता है। (रजत शर्मा)
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