बीजेपी विधायक संगीत सोम ने फिर से ताजमहल के बारे में विवादास्पद बयान देकर मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने का काम किया है। संगीत सोम के इस बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। सोम ने कहा, 'यूपी सरकार की ओर से जारी पर्यटन स्थलों की बुकलेट में ताजमहल का नाम न होने की चूक से जिन लोगों को दर्द हो रहा है उन्हें मुगलों के इतिहास के बारे में भी जानना चाहिए।' सोम यहां तक कह गए कि ताजमहल उस मुगल शासक के द्वारा बनवाया गया जिसने अपने पिता को जेल में भेज दिया था। उसने यूपी और पूरे भारत में हिंदुओं पर अत्याचार किया, हिंदुओं को सताया। सोम ने वादा किया कि बाबर, अकबर और औरंगजेब जैसे मुगल आक्रमणकारियों को इतिहास के किताबों से हटाया जाएगा।
संगीत सोम कुछ भी कहें, लेकिन विश्व धरोहर स्थल के रूप में विख्यात ताजमहल के बारे उनका बयान स्वीकार करने लायक नहीं है। ताजमहल के लिए इस तरह की बातें करना गलत है । ताजमहल वास्तव में भारत का 'ताज' है। ताजमहल को पूरी दुनिया में प्रेम का सबसे सुंदर स्मारक माना जाता है। प्रत्येक साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक ताजमहल को देखने के लिए भारत आते हैं। एक तरफ तो पीएम नरेन्द्र मोदी गुजरात में विकास की बात कर रहे हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी विकास की बात कर रहे हैं। ये लोग विकास को ही मुद्दा बना रहे हैं। लेकिन संगीत सोम, साध्वी प्राची और साक्षी महाराज जैसे नेता विकास की गाड़ी को पटरी से उतारने की कोशिश करते हैं। ये लोग इस तरह के मुद्दे उठाते हैं जिनसे विवाद हो और हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच दूरियां बढ़ें। यूपी के सीएम योगी ने सोमवार को ही कहा कि उनके सात महीने के कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ क्योंकि उनकी सरकार "सबका साथ सबका विकास" के मंत्र पर काम कर रही है। लेकिन मोदी और योगी को संगीत सोम जैसे नेताओं की जुबान पर ताला लगाना चाहिए। इन लोगों की पब्लिसिटी की भूख को खत्म करना चाहिए। क्योंकि ये लोग खबरों में बने रहने और अपना चेहरा चमकाने के चक्कर में आम लोगों का नुकसान करते हैं। प्रदेश की शांति को ग्रहण लगाने की कोशिश करते हैं और सबसे बड़ी बात ये कि संगीत सोम जैसे लोगों के कारण सरकार के अच्छे कामों की चर्चा नहीं होती। लोगों के मन में शक पैदा होता है और इसके लिए मीडिया को दोष दिया जाता है। (रजत शर्मा)