भारत ने बुधवार को पृथ्वी की निचली कक्षा (300 किमी) में मौजूद एक लाइव सैटलाइट को एक एंटी-सैटलाइट मिसाइल (A-SAT) द्वारा मार गिराने का सफल परीक्षण किया। इसके साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के साथ भारत उन खास देशों में शामिल हो गया जिनके पास इस तरह की क्षमता है। तीन चरणों वाली इंटरसेप्टर मिसाइल को ओडिशा के तट पर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से से दागा गया था। इसके तुरंत बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी संबोधन में 'मिशन शक्ति' की सफलता की घोषणा की।
भारत को यह क्षमता देने के लिए राष्ट्र DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के अपने वैज्ञानिकों को सलाम करता है। यह निश्चित रूप से भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण है। हालांकि, अंतरिक्ष में हुए इस परीक्षण की टाइमिंग पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने के साथ ही भारतीय राजनीति में एक जमीनी जंग की बिसात बिछ गई। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी तो आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत तक कर दी। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि PM मोदी ‘पॉलिटिकल थिएटर’ में लिप्त हैं।
इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष पर एक तीखी टिप्पणी की। जेटली ने राहुल पर हमला बोलते हुए कहा, 'जब एक उंगली चांद की ओर इशारा करती है, तो बेवकूफ उंगली की ओर देखता है।’ जेटली ने कहा कि विपक्ष केवल ‘लिपिकीय आपत्तियां’ दर्ज करा रहा है। विपक्षी नेताओं ने इस उपलब्धि के लिए हमारे वैज्ञानिकों की प्रशंसा की है, लेकिन वे परेशान हैं क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक एंटी-सैटलाइट मिसाइल परीक्षण की घोषणा करके चुनाव का नरैटिव ही बदलकर रख दिया है।
इनमें भी सबसे ज्यादा चिंतित राहुल गांधी दिखाई दे रहे हैं, जो पिछले 2 दिनों से जनता के बीच जाकर अपनी महत्वाकांक्षी 72,000 रुपये की न्यूनतम आय गारंटी योजना का प्रचार कर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने शायद सोचा था कि उनकी NYAY (न्यूनतम आय) योजना भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक और मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना के बाद बीजेपी के पक्ष में बने माहौल पर भारी पड़ेगी।
बुधवार को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि न्यूनतम गारंटी योजना के चलते टीवी पर दिए गए अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री का ‘चेहरा उतरा हुआ’ लग रहा था। कांग्रेस अध्यक्ष कुछ भी सोचने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन तथ्य यह है कि वह प्रधानमंत्री मोदी ही थे, जिन्होंने भारत को विश्व की अंतरिक्ष शक्ति बनाने वाले इस मिसाइल परीक्षण को मंजूरी देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई। हम इस मुद्दे का जितना कम राजनीतिकरण करेंगे, उतना ही बेहतर होगा। (रजत शर्मा)
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