पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के चौथे दौर में सोमवार को अपने राज्य में हुए भारी मतदान की खबरों से चिंतित और परेशान हैं। पिछले कई चुनावों में, जिसमें विधानसभा और पंचायत चुनाव शामिल हैं, बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और यह आरोप लगे थे कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता कांग्रेस और बीजेपी समर्थकों को मतदान करने से रोकते हैं। इन चुनावों के दौरान कहीं बम फेंके जाते थे तो कहीं चाकू चलते थे।
सोमवार को भी कुछ जगहों पर झड़पें हुईं लेकिन मतदान केंद्रों के बाहर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की भारी मौजूदगी के चलते बड़े पैमाने पर मतदाता बेखौफ नजर आ रहे थे और भारी मतदान हुआ। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर टीएमसी सुप्रीमो की चिंता बढ़ गई और उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने लोगों को भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए मजबूर किया। हालांकि उनके आरोपों का सत्यापन होना अभी बाकी है।
दूसरी बात जो नोट करने लायक है वो ये कि सोमवार को उन संसदीय क्षेत्रों में भारी मतदान हुआ, जहां बीजेपी ने मजबूत उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे टीएमसी सुप्रीमो की चिंता और बढ़ गई।
ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी बेहद सजग हैं, जिन्होंने सोमवार को पश्चिम बंगाल की रैली में कहा कि टीएमसी के कम से कम 40 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, और अगर मतगणना के दिन (23 मई) उनकी पार्टी हारती है तो यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे चुनाव आयोग में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं कि वे 'हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा' दे रहे हैं।
स्वाभाविक तौर पर पीएम मोदी की इस टिप्पणी से टीएमसी के कैम्प में खलबली मच गई और पार्टी के नेता अब स्पष्टीकरण देने में व्यस्त हैं।
हाल के अपने एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने यह खुलासा किया था कि ममता बनर्जी उन्हें कुर्ता और रसगुल्ला भेजा करती हैं। पीएम मोदी के इस बयान से गुस्से में आकर टीएमसी सुप्रीमो ने अपनी रैली में सार्वजनिक तौर पर यह कहा कि वे अब प्रधानमंत्री को रसगुल्ले में मिट्टी और पत्थर भेजेंगी।
अपने विरोधी की बातों को कैसे अपने लिए अवसर में बदला जाता है, ये कोई नरेन्द्र मोदी से सीखे। उन्होंने ममता की बातों को बंगाल के सेंटीमेंट से जोड़ दिया। पीएम मोदी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में अपनी एक रैली में कहा कि उन्हें बंगाल की पवित्र मिट्टी से बने रसगुल्ले पसंद आएंगे, जिस मिट्टी पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे लोग चले। पीएम मोदी की इस टिप्पणी का ममता के पास कोई जवाब नहीं था। किसी टिप्पणी पर बिना किसी गंभीर विचार के प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इस तरह की परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 29 अप्रैल 2019 का पूरा एपिसोड