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Rajat Sharma's Blog: क्यों सुरक्षित और असरदार है कोरोना की वैक्सीन

अभी तक एक भी केस ऐसा नहीं है जहां कोई गंभीर साइड इफेक्ट की खबर आई हो। इसके बाद भी देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जो डर, अफवाह या फिर शक के कारण वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated : March 10, 2021 14:25 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

मैंने अपने घर के पास एक प्राइवेट क्लिनिक में मंगलवार को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली है। मैंने कोवीशील्ड का इंजेक्शन लगवाया। अब 28 दिन बाद इसकी दूसरी डोज दी जाएगी। मेरे दोस्तों और परिचितों ने पूछा कि वैक्सीन लगवाया तो कैसा महसूस हुआ? मैंने उन्हें बताया कि असल में पता ही नहीं लगा कि कब इंजेक्शन लग गया। न कोई दर्द, न कोई फीलिंग, सबकुछ नॉर्मल। 

 
मैं कहूंगा कि जो लोग भी 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं वो कोरोना की वैक्सीनेशन (टीकाकरण) के लिए जाएं। सरकारी अस्पतालों में तो वैक्सीनेशन बिल्कुल मुफ्त है। न कोई दर्द होगा, न कोई साइड इफैक्ट और न कोई खतरा। कुछ लोगों ने पूछा कि कौन सी वैक्सीन लगवाएं, कोवैक्सीन या कोवीशील्ड? मेरा कहना है दोनों ठीक हैं और अच्छी तरह से जांच में परखे हुए हैं। दोनों वैक्सीन प्रभावी हैं। असर दोनों का एक जैसा ही है। एक सवाल ये आया कि वैक्सीन लगवाने के बाद क्या-क्या सावधानी बरतनी होगी? डॉक्टर्स का कहना है कि आप सामान्य जीवन और दिनचर्या का पालन करते रहें, इसके अलावा कोई सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है। जैसे रहते हैं वैसे रहिए और वैसे ही खाना-पीना भी चलता रहेगा। 
 
लोगों में सबसे बड़ी शंका ये है कि वैक्सीन का कोई साइड इफैक्ट तो नहीं होगा। मैंने ये बात डॉक्टर्स से पूछी। डॉक्टर्स ने कहा कि कुछ लोगों को हल्का बुखार हो सकता है जो कि सामान्य तौर पर हर बच्चे को टीका लगाने के बाद होता है। बुखार ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे रहता है। डॉक्टर्स का कहना है कि वैक्सीन लगाने के बाद अगर बुखार हो तो पैरासिटामोल की एक गोली खा लें। घबराने या परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं हैं। अब सवाल ये है कि क्या वैक्सीन की डोज लगवाने के बाद कोरोना नहीं होगा? इसका जबाव ये है कि पहले आपको 28 दिन के बाद दूसरी डोज लगवाने का इंतजार करना पड़ेगा। 28 दिन के बाद दूसरी डोज लगेगी। दूसरी डोज लगने के 14 दिन के बाद एंटीबॉडीज बनकर तैयार होती है। यानि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के 42 दिन के बाद शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की ताकत पैदा हो जाती है और इन 42 दिनों तक आपको पूरी सावधानी बरतनी होगी। आपको उसी तरह से एहतियात बरतनी होगी जैसे आप अभी बरत रहे हैं। मास्क लगाना है, एक-दूसरे से दूरी बनाए रखनी है, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना है और बार-बार हाथ धोना है।

अब आप पूछेंगे कि क्या पहली और दूसरी, दोनों डोज लेने बाद आपको कोरोना नहीं हो सकता? इस पर डॉक्टर्स ने बताया कि कोरोना फिर भी हो सकता है। कोरोना होगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर में कितनी एंटीबॉडीज डेवलप हुई है। चूंकि वैक्सीन आपके शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत पैदा करती है और वायरस को पनपने नहीं देती। ऐसे में अगर संक्रमण हो भी गया तो आप बचकर निकल जाएंगे, जान का खतरा तो नहीं होगा। इसलिए मैं कहूंगा कि अगर आपकी उम्र 60  साल से ज्यादा है या फिर आप कोमोर्बिड कैटेगरी में आते हैं तो इंतजार मत कीजिए, डरिए मत, ज्यादा सोचिए मत। अपना रजिस्ट्रेशन करवाइए और जल्दी से जल्दी कोरोना वैक्सीन लगवाइए।
 
जिन लोगों को अभी भी शक है उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि देश में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इनमें से 75 फीसदी लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। मंगलवार तक 2 करोड़ 40 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है, इनमें से 82 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्हें अभी पहली डोज दी गई है। देशभर में 22,405 केंद्रों पर कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है जिनमें 4,688 केंद्र प्राइवेट अस्पतालों में बनाए गए हैं। अभी तक एक भी केस ऐसा नहीं है जहां कोई गंभीर साइड इफेक्ट की खबर आई हो। मंगलवार को एक ही दिन में 20 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई इनमें 17 लाख से ज्यादा वो लोग थे, जिन्हें पहली बार टीका लगा और इनमें भी 10 लाख से ज्यादा संख्या बुजुर्गों (60 वर्ष से ऊपर) की थी।
 
इन सबके बाद भी देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जो डर, अफवाह या फिर शक के कारण वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। हमारे रिपोर्टर्स  ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, पटना, नागपुर, भोपाल, लखनऊ और चंडीगढ़ में ऐसे लोगों से बात की। किसी को वैक्सीन की विश्वसनीयता पर शक है तो किसी को वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर शंका। किसी का कहना है कि सरकारी सेंटर पर नहीं बल्कि प्राइवेट अस्पताल में ही वैक्सीन लगवाएंगे। कोई कहता है कि जो लोग लगवा रहे हैं, पहले उनपर वैक्सीन का असर देख लें, उसके बाद ही लगवाएंगे। इस तरह की तमाम शंकाएं निराधार अफवाहों की वजह से पैदा हुई हैं जो लगातार फैलाई जा रही हैं। इसके बाद भी 60 वर्ष की उम्र से ज्यादा के लोग बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं और वैक्सीन ले रहे हैं। 
 
सोशल मीडिया पर आधारहीन अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि वैक्सीन लेने के बाद लोग मर रहे हैं, ऐसी भी अफवाहें फैलाई गईं कि वैक्सीन में केवल पानी है। वहीं कुछ राज्य सरकारें भी इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं।
 
मंगलवार को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार को कोरोना वैक्सीनेशन अभियान बंद करना पड़ेगा क्योंकि उनके पास वैक्सीन नहीं बची है, सारी डोज खत्म होने वाली है। उन्होंने कहा राज्य सरकार के पास तीन दिनों के वैक्सीन की डोज ही बची हुई है। राजस्थान सरकार का कहना है कि उसे  वैक्सीन की 29 लाख डोज मिली थी जिसमें से 22 लाख का इस्तेमाल हो गया और एक लाख डोज बर्बाद हो गई। वैक्सीन की दो लाख डोज सेना को दे दी गई और अब केवल चार लाख डोज बची है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राजस्थान सरकार को कोरोना वैक्सीन की 37 लाख 61 हजार डोज दी गई थी और सोमवार रात तक राजस्थान सरकार की तरफ से जो अपडेट भेजा गया है, उसके मुताबिक अब तक वहां सिर्फ 24 लाख 28 हजार डोज का ही इस्तेमाल हुआ है। इसका मतलब ये हुआ कि राजस्थान सरकार के पास इस वक्त कम से कम 13 लाख डोज का स्टॉक होना चाहिए। 
 
जाहिर है कि राज्यों से वैक्सीन की मांग हर रोज बढ़ रही है और यह एक पॉजिटिव संकेत है। इसके बाद भी लोगों में अभी-भी शंका और संदेह है। ऐसे लोगों को यह पता होना चाहिए कि करीब 2.5 करोड़ देशवासी अबतक इस वैक्सीन को ले चुके हैं। कम से कम अब तो भरोसा होना चाहिए। असल में लोगों के मन से ये शक और डर निकालने की जरूरत है। इस शक को मिटाने में डॉक्टर्स बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। इसके साथ-साथ जो लोग पब्लिक लाइफ (सार्वजनिक जीवन) में हैं, जिन पर लोग भरोसा करते हैं, उन्हें भी वैक्सीनेशन को लेकर लोगों की शंका दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। मैं आपसे एक बार फिर  कहना चाहता हूं कि दोनों वैक्सीन सुरक्षित और असरदार हैं। वैक्सीन लगाने से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। वैक्सीन लगवाना आज की तारीख में देश सेवा करने जैसा है। देश को कोरोना से बचाने का यही एकमात्र तरीका है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 09 मार्च, 2021 का पूरा एपिसोड

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