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Rajat Sharma’s Blog: शाहरुख के बेटे आर्यन को बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्यों दी जमानत

मुकुल रोहतगी ने कहा-'आर्यन खान की गिरफ्तारी 'नाजायज' थी क्योंकि पहली बात ये कि उसके पास से कोई ड्रग बरामद नहीं हुआ और न ही ड्रग्स का सेवन करने के बाद वह क्रूज पर सवार हुआ था।'

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : October 29, 2021 14:46 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान ने आखिरकार गुरुवार को उस समय राहत की सांस ली जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्रूज शिप ड्रग्स मामले में उनके 23 साल के बेटे आर्यन को जमानत दे दी। हाईकोर्ट में तीन दिनों तक चली मैराथन सुनवाई के बाद आर्यन के साथ उसके दो दोस्तों मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट को भी जमानत मिली है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा क्रूज शिप पर रेव पार्टी के दौरान मारे गए छापे के बाद पिछले 25 दिनों से ज्यादा वक्त से ये तीनों हिरासत में थे। 

 
उधर फैसला आने के बाद मुंबई में शाहरुख के बंगले 'मन्नत' के बाहर बहुत दिनों के बाद रौनक दिखी।  फैन्स ने बंगले के बाहर पटाखे फोड़े और नाच गाकर खुशी का इजहार किया। 'मन्नत' के बाहर वेलकम होम, प्रिंस के पोस्टर लगाए गए। वहीं सतीश मानशिंदे की अगुवाई वाली लीगल टीम ने शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान से मुलाकात की और अदालती कार्यवाही के बारे में जानकारी दी। तीनों की जमानत की शर्तों के रूप में हाईकोर्ट की तरफ से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने की उम्मीद की जा रही है। अदालत का विस्तृत आदेश मिलने के बाद ही जेल अधिकारी तीनों को रिहा करेंगे। 
 
गुरुवार रात मेरे प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में आर्यन खान की ओर से कोर्ट में पेश हुए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि कैसे जस्टिस नितिन सांबरे की सिंगल जज बेंच ने जमानत देने का फैसला किया।
 
रोहतगी ने कहा-आर्यन खान की गिरफ्तारी 'नाजायज' थी क्योंकि पहली बात ये कि उसके पास से कोई ड्रग बरामद नहीं हुआ और न ही ड्रग्स का सेवन करने के बाद वह क्रूज पर सवार हुआ था। दूसरी बात ये कि अरेस्ट मेमो में इस बात का कोई जिक्र नहीं था कि क्रूज पर मौजूद वे लोग जो ड्रग्स के साथ पकड़े गए, उनके साथ आर्यन किसी तरह की साजिश में शामिल था। 
 
एनसीबी के इस तर्क पर कि आर्यन एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा था, मुकुल रोहतगी ने मुझे बताया-'यह तर्क कमजोर था, मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर वॉलेंट्री स्टेटमेंट (स्वैच्छिक बयान) बोल के कोई बयान लिया जाता है तो वह ऐसे केस में हमेशा इनवॉलेंट्री ( अनैच्छिक) होता है, लेकिन बोला वॉलेंट्री जाता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि एनसीबी के अफसर के सामने अगर कोई भी स्टेटमेंट लिखी जाए तो चाहे वॉलेंट्री भी हो तो वह कानून में पढ़ी नहीं जा सकती और अस्वीकार्य है। आर्यन से लिए गए बयान में उन्होंने लिखवाया कि हां मैं रेग्यूलर तौर पर ड्रग्स लेता हूं। मुकुल रोहतगी ने कहा कि एनसीबी ने कोई ऐसा सबूत नहीं दिया कि आर्यन आदतन नशे का आदी था।'
 
रोहतगी ने कहा कि आर्यन और उसके दोस्तों के बीच व्हाट्सएप चैट की कोई कॉपी लीगल टीम को नहीं दी गई थी और इनमें से कुछ चैट जानबूझकर 'लीक' की गई थीं। उन्होंने कहा, यह एनसीबी की ओर से प्राइवेसी का उल्लंघन है। इसके अलावा कोई भी चैट क्रूज रेव पार्टी से या उस दिन ड्रग्स के इस्तेमाल से जुड़ा हुआ नहीं है।
 
रोहतगी ने कहा, 'आम तौर पर 20-22 साल की उम्र के युवा कॉलेजों में हंसी-मजाक के लिए इस तरह के व्हाट्सएप चैट का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी में हमारे दिनों में, छात्र व्हिस्की और सिगरेट पीते थे और आजकल लोग ड्रग्स लेने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि वे सभी ड्रग पेडलर हैं? क्या हम विश्वास कर सकते हैं कि एक अमीर आदमी का बेटा (शाहरुख की तरह) 10 से 20 हजार रुपये कमाने के लिए ड्रग पेडलिंग का सहारा लेगा? रोहतगी ने कहा कि एनसीबी का आरोप निराधार था और वे उन चैट का इस्तेमाल कर डरा रहे थे। व्हाट्सएप चैट पर बातचीत केवल आपसी मजाक के लिए थी।
 
एनसीबी के इस आरोप पर कि आर्यन एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया का हिस्सा था, रोहतगी ने कहा, 'हम मान भी लें कि वह ड्रग माफिया का हिस्सा था, तो उसका एकमात्र उद्देश्य इससे बड़ी कमाई करना होगा। लेकिन इस तरह के बिजनेस से पैसे कमाने का कोई मुद्दा नहीं उठता। क्या एक अमीर परिवार से आनेवाले शख्स को इस तरह से पैसे कमाने की जरूरत थी? हां, ड्ग्स लेने की बात हो सकती है। कोई इस पर बहस कर सकता है। लेकिन इस केस में ड्रग्स सेवन करने और किसी तरह के लेनदेन का कोई सबूत नहीं है। 
 
रोहतगी ने कहा-'यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं था कि आर्यन को इस बात की जानकारी थी कि अरबाज ने अपने जूते में 6 ग्राम ड्रग रखी थी। इस तरह के एक्ट में 6 ग्राम को बहुत कम मात्रा मना जाता है और इन मामलों में हमेशा जमानत दी जाती है, क्योंकि इसमें अधिकतम सजा केवल जुर्माना है। जिस अपराध में केवल जुर्माने का प्रावधान है और उसके लिए आप किसी शख्स को जेल में कैसे डाल सकते हैं? 
 
उन्होंने कहा, 'जहां तक एनसीबी डायरेक्टर और एनसीपी नेता के बीच चल रहे राजनीतिक विवाद की बात है तो यह उनका निजी मामला है और इसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। हमने अपने लिखित निवेदन में भी यही बात कही है। हम इस मामले में न तो किसी एनसीबी अधिकारी को दोष दे रहे हैं और न ही चुनौती दे रहे हैं। हमने किसी भी पक्ष को उकसाया नहीं है और अब वह मामला हाईकोर्ट में चला गया है और वानखेड़े ने अपनी याचिका दाखिल की है। यह पूरी तरह से अलग मामला है और इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हमारा मामला फुल प्रूफ था।' 
 
पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'यह महज संयोग है कि नवाब मलिक के दामाद को एनसीबी के डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने ड्रग मामले में गिरफ्तार किया था और छह महीने बाद जमानत मिल गई थी। यह एक संयोग था…. जहां तक आर्यन केस में मीडिया पब्लिसिटी का सवाल है, तो इससे कुछ समस्याएं पैदा हुई हैं, अन्यथा आम तौर पर ऐसे सामान्य मामलों में तुरंत जमानत दे दी जाती है। भारत में इस तरह के सामान्य मामलों की कभी चर्चा नहीं होती, लेकिन यह एक हाई प्रोफाइल मामला था।'
 
मुकुल रोहतगी ने कहा, 'जब शाहरुख को यह बताया गया कि  उनके बेटे को जमानत मिल गई है, तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। वो अपने बेटे को लेकर बेहद चिंतित थे। इस केस को लेकर पिछले तीन से चार दिनों में उन्होंने कई घंटे मेरे साथ बिताए। वो खुद नोट्स लाते थे, खुद टाइप करते थे और अपने बेटे के बैकग्राउंड और अन्य चीजों के बारे में बताते थे। जाहिर है जब 22 साल का बेटा जेल चला जाए तो मां-बाप परेशान हो जाते हैं। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जब मैं उनसे मिला तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे। वह काफी राहत महसूस कर रहे थे।'
 
हाईकोर्ट के इस आदेश जो दूसरे व्यक्ति खुश दिखे वो हैं एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक। उन्होंने कहा कि उनके पास और भी ज्यादा सबूत हैं, अगर उसे कोर्ट में रख दिया जाए तो उसके आधार पर यह पूरा केस खत्म हो जाएगा। उधर, समीर वानखेड़े ने अपनी गिरफ्तारी के डर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी और इस पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से कहा है कि वह कोई भी एक्शन लेते समय वानखेड़े को तीन दिन पहले नोटिस देगी। नवाब मलिक ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा- 'पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त, जो आदमी बेगुनाहों को सलाखों के पीछे भेजने की होड़ में शामिल था, खुद जेल जाने से डर रहा है।'
 
आर्यन खान केस में मैंने कुछ दिन पहले 'आज की बात' में कहा था कि ऐसा लग रहा है जैसे यह पूरा मामला अनुमान और कल्पना पर आधारित है। आर्यन के पास ड्रग नहीं मिली लेकिन NCB ने आर्यन को ड्रग एडिक्ट बता दिया। आर्यन खान उस पार्टी में गेस्ट के तौर पर गया था और वो सिर्फ अरबाज को जानता था लेकिन NCB ने आर्यन को ड्रग्स पार्टी का सबसे बड़ा मोहरा मान लिया। उसे रेव पार्टी के किंगपिन के तौर पर पेश किया गया।
 
तीन साल पुरानी व्हाटसैप चैट में आए दो शब्दों के आधार पर NCB ने आर्यन को इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का हिस्सा मान लिया। अरबाज के पास से केवल 6 ग्राम ड्रग्स मिली और इस छह ग्राम चरस से क्रूज पर पार्टी होने वाली थी। इस छह ग्राम चरस के आधार पर ड्रग्स की सप्लाई का भी एंगल भी आ गया। इतना ही नहीं इस छह ग्राम चरस के चक्कर में इंटरनेशनल ड्रग्स का धंधा करने की भी धाराएं जुड़ गईं। ये सारी चीजें किसी नॉवेल की कहानी जैसी लग रही थी। लेकिन हैरानी की बात ये है कि NCB इसके आधार पर ही केस लड़ रही थी। इन्हीं धाराओं के आधार पर NCB आर्यन और उसके दोस्तों को 26 दिन तक जेल में रखने में कामयाब हो गई और आगे भी रखना चाहती थी। 
 
चूंकि NCB का केस इतना कमजोर और मनगढ़ंत लग रहा था इसीलिए देश के लाखों लोगों की सहानुभूति आर्यन खान के साथ जुड़ गई। इसके बाद इस केस में जिस तरह की बयानबाजी हुई, जिस तरह के इल्जाम लगे और जिस तरह की सियासत हुई उससे यह मामला और ज्यादा संदेहास्पद लगने लगा। इसीलिए जब आर्यन और उसके दोनों दोस्तों को जमानत देने का हाईकोर्ट का फैसला आया तो सबसे पहला रिएक्शन नवाब मलिक का आया। नवाब मलिक का कहना है कि आर्यन खान और उसके दोस्तों को जेल में डालने वाला आज खुद जेल जाने से डर रहा है। नवाब मलिक ने कहा कि समीर वानखेड़े चाहते थे कि उनकी जांच CBI या NIA जैसी एजेंसी करें लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं माना। नवाब मलिक ने कहा कि समीर वानखेड़े ने जो फर्जीवाड़ा किया है वो सामने आने लगा है इसलिए अब उन्हें जेल जाने का डर सता रहा है। उधर, पहले ही मुंबई पुलिस ने एक एसआईटी का गठन कर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर वानखेड़े के खिलाफ लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी है। वहीं वानखेड़े का कहना है कि उन्हें परेशान करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
 
यह दुखद है कि एक तरफ भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेड़े कह रहे हैं कि उन्हें मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं है, वहीं दूसरी तरफ नवाब मलिक जैसे महाराष्ट्र के वरिष्ठ राजनेता कह रहे हैं कि उन्हें केंद्रीय एजेंसियों पर भरोसा नहीं है। एनसीबी और मुंबई पुलिस दोनों एजेंसियों की अच्छी साख है। ये दोनों सीधे पब्लिक से डील करती हैं इसलिए इनकी निष्पक्षता बनी रहे और इस निष्पक्षता पर लोगों का भरोसा बना रहे, यह बहुत जरूरी है। लेकिन पिछले चार हफ्तों में जो हुआ उससे इन एजेंसियों की छवि खराब हुई है। ऐसा लग रहा है जैसे दोनों एजेंसियां राजनीति का हथियार बन गई हैं। यह मैसेज अच्छा नहीं हैं। इस दाग को जितानी जल्दी धोया जाए, उतना बेहतर होगा।
 
जहां तक आर्यन के केस का सवाल है तो मुझे लगता है कि शाहरुख खान कल रात चैन से सो पाए होंगे। दो नबंवर को शाहरुख का जन्मदिन है, चार नबंवर को दिवाली है और 13 नवंबर को आर्यन का बर्थ डे है। अब शाहरुख खान पूरे परिवार के साथ दिवाली भी मना पाएंगे और अपना और बेटे का बर्थ डे भी। शाहरुख और उनके परिवार को मेरी शुभकामनाएं। (रजत शर्मा

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 अक्टूबर, 2021 का पूरा एपिसोड

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