भोपाल लोकसभा की प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी नेतृत्व ने साध्वी प्रज्ञा को अपने उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है। इस भगवाधारी संन्यासिन को पूर्व में सुनील जोशी हत्याकांड और अजमेर ब्लास्ट में आरोपी बनाया गया था, लेकिन बाद में बरी कर दिया गया। वर्तमान में साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी है, जो कि अभी ट्रॉयल स्टेज में है।
साध्वी प्रज्ञा बुधवार को बीजेपी में शामिल हुईं और कुछ घंटे के अंदर यह घोषणा की गई कि वे भोपाल लोकसभा सीट से पार्टी की उम्मीदवार होंगी। प्रज्ञा राजनीति में बिल्कुल नई और अनुभवहीन हो सकती हैं, लेकिन अगर वे मध्य प्रदेश की राजधानी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराने में सफल रहती हैं तो यह उनकी तरफ से दिग्विजय सिंह को करारा जवाब होगा।
साध्वी प्रज्ञा अभी तक सिर्फ भगवाधारी संन्यासिन थीं। उनका नाम यूपीए शासन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर उस समय प्रकाश में आया जब दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने साध्वी प्रज्ञा पर 'भगवा आतंकवादी' और 'हिन्दू आतंकवादी' होने की तोहमत लगाना शुरू किया। साध्वी प्रज्ञा को 10 साल तक जेल में रखा गया और पिछले साल मेरे शो 'आप की अदालत' में उन्होंने आरोप लगाया था कि कैसे हिरासत में उनके साथ शारीरिक और मानसिक तौर पर क्रूरता की जाती थी।
वह दिग्विजय सिंह ही थे जिन्होंने यूपीए शासनकाल के दौरान बीजेपी और आरएसएस पर भगवा आतंकवाद को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया था, लेकिन अदालत ने उन मामलों में साध्वी प्रज्ञा को बरी कर दिया जिनमें मकोका जैसे कठोर कानून के तहत आरोप दर्ज कराए गए थे।
बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ओडिशा में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि 'समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस ब्लास्ट के पीछे हिंदू आतंकवादियों का हाथ है और साधुओं को जेल में बंद कर दिया। इसलिए बीजेपी ने 'भगवा आतंकवाद' जैसे जुमले को उछालनेवाले दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है।'
वक्त का खेल देखिए कि जो दिग्विजय सिंह साध्वी प्रज्ञा को आतंकवादी और देशद्रोही बताने की कोशिश करते थे, अब वही साध्वी उनके सामने चुनाव मैदान में उन्हें ललकार रही है। बीजेपी साध्वी प्रज्ञा को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रतीक बता रही है।
दिग्विजय को लेकर एक राज़ की बात मैं आपको बताना चाहता हूं। दिग्विजय सिंह को 'भगवा आतंकवाद' के चक्कर में फंसाने वाले उनके अपने गुरू प्रमोद कृष्णम की बड़ी भूमिका रही है। प्रमोद कृष्णम की सलाह पर दिग्विजय ने 'भगवा आतंकवाद' के जुमले को उछाला था। प्रमोद कृष्णम साधु हैं, लेकिन भगवाधारी नहीं हैं। वो कांग्रेस की ओर झुकाव वाले कई सारे साधुओं को मैनेज करते हैं। प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने लखनऊ लोकसभा सीट से गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 17 अप्रैल 2019 का पूरा एपिसोड