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Rajat Sharma's Blog: अमित शाह ने क्यों कहा- एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं

अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल और केरल जैसे जो राज्य एनपीआर का विरोध कर रहे हैं, उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वो खुद बात करेंगे...उन्हें समझाएंगे और बातचीत के जरिए रास्ता निकालेंगे।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated : December 25, 2019 17:27 IST
Rajat Sharma's Blog: Why Amit Shah said, NPR has nothing to do with NRC
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: Why Amit Shah said, NPR has nothing to do with NRC 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है जो कि 2021 में होनेवाली जनगणना का प्रारंभिक चरण है। गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि एनपीआर की प्रक्रिया का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। 

 
अमित शाह ने लोगों के मन में पैदा हुए भ्रमों को दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा, एनपीआर उस जनगणना प्रक्रिया का केवल एक हिस्सा है जो हर 10 साल के बाद होती है। यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र एनआरसी के लिए एनपीआर के दौरान जुटाई गई जानकारी का उपयोग करेगा, अमित शाह ने कहा कि जनगणना के लिए एक अलग कानून है, जिसका नागरिकता कानून से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी के लिए एक अलग कानून होगा।
 
गृह मंत्री ने बताया कि अलग-अलग राज्यों में रहने वाले गरीबों के लिए बनने वाली योजनाओं की प्लानिंग में एनपीआर का इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन के दौरान एनपीआर के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी। अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल और केरल जैसे जो राज्य एनपीआर का विरोध कर रहे हैं, उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वो खुद बात करेंगे...उन्हें समझाएंगे और बातचीत के जरिए रास्ता निकालेंगे।
 
यह पूछे जानेपर कि जब देशभर में एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं ऐसे समय में एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करना क्या सही फैसला है, इसपर अमित शाह ने कहा कि इसकी प्रक्रिया तो पहले शुरू हो चुकी थी। इस संबंध में नोटिफिकेशन 31 जुलाई को निकाला जा चुका है। अमित शाह ने कहा-सभी राज्यों ने इसे मंजूरी भी दे दी है और अगर ये इस वक्त न होता तो 2021 के जनगणना शेड्यूल में काफी देर हो जाती। अप्रैल 2020 से डोर-टू-डोर मैपिंग शुरू होनी है वो नहीं हो पाता, इसलिए इस वक्त एनपीआर का फैसला लेना जरूरी था।
 
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि एनपीआर एक संवैधानिक प्रक्रिया है और इसमें बीजेपी का कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। गृह मंत्री अपने पूरे इंटरव्यू में विपक्षी दलों के प्रति कोई भी टिप्पणी करने से बचते रहे। उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं की जो सियासी हो। यह एक स्वागतयोग्य कदम है। हमें उम्मीद है कि नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे लोग इसे समझेंगे और एनपीआर प्रक्रिया को पूरा करने में सहयोग करेंगे। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 24 दिसंबर 2019 का पूरा एपिसोड

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