संसद ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाए जाने और राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोगों के बराबर 3 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दी।
बहस के दौरान अपने जोरदार जवाब में, गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वह देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिष्ठा कम नहीं करना चाहते, लेकिन उन्होंने कहा, ‘वह देश जो इतिहास में की गई गलतियों से नहीं सीखता उसका भविष्य अच्छा नहीं होता।’ अमित शाह ने कहा कि नेहरू के इरादों में त्रुटि बताने का मतलब यह नहीं कि वह उनकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।
गृह मंत्री ने यह भी कहा ‘कांग्रेस ने जो ऐतिहासिक गलतियां की हैं उनका जवाब उनको देना होगा। कश्मीर के भारत में मिलने के बावजूद नेहरू सरकार संयुक्त राष्ट्र में क्यों गई? वह जनमत संग्रह के लिए क्यों तैयार हुए जिसका आज की तारीख में सवाल ही नहीं उठता?'
गृह मंत्री ने उन तत्वों को भी करारा जवाब दिया जो भारत को तोड़ने की बात करते हैं। उन्होंने कहा, कश्मीर के लगभग 130 अलगाववादी नेताओं के बच्चे या तो विदेशों में पढ़ चुके हैं या पढ़ रहे हैं और इसके बावजूद वे नेता घाटी में स्कूल और कॉलेज बंद करने के लिए कहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे सैनिकों पर पत्थर फेंकने को उकसाने के लिए अलगाववादी नेताओं को कोई पछतावा नहीं है और चेतावनी दी कि अब ‘जैसे को तैसा’ जवाब मिलेगा।
संसद में बहस को खत्म करते हुए अमित शाह ने कहा ‘’हम कश्मीर के लोगों का दिल जीतेंगे... वे हमें गले से लगाएंगे’’। संसद के दोनो सदनों में अमित शाह के भाषण को प्रधानमंत्री मोदी ने ‘’व्यापक और व्यवहारिक’’ बताया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया ‘जो लोग कश्मीर के मुद्दे की स्पष्ट समझ चाहते हैं उन्हें उनके (अमित शाह) भाषण जरूर सुनना चाहिए’
मैं अमित शाह से पूरी तरह सहमत हूं कि घाटी में अलगाववादी हुर्रियत नेता युवाओं को हमारी सेनाओं पर पथराव करने के लिए भेजते हैं, जबकि उनके अपने बच्चे विदेशों में विलासिता का जीवन जीते हैं। यह भी सच है कि ये नेता घाटी में स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने, यहां तक की आग लगाने के आदेश जारी करते हैं, जबकि उनके अपने बच्चे विदेश में पढ़ते हैं।
यह भी सच है कि अलगाववादी नेता कश्मीरी कर्मचारियों को सरकारी नौकरी छोड़ने के लिए कहते हैं, जबकि उनके अपने बच्चे विदेशों में मजेदार नौकरियों से लाखों कमाते हैं।
मैंने पहले ही 'आज की बात' कार्यक्रम में इन नेताओं के नामों का खुलासा किया है जिनके बच्चे पढ़ाई के लिए या नौकरी करने के लिए विदेश में रहते हैं और उन्होंने मोटी संपत्ति जोड़ी है। पाक अधिकृत कश्मीर में बैठा हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन घाटी में हमलों और हत्याओं का आदेश देता है, जबकि उसका बेटा सरकारी नौकरी कर रहा है।
अमित शाह सही हैं जब वे कहते हैं कि घाटी में आम जनता को अलगाववादी नेताओं के बारे में सही तथ्य बताने चाहिए, ताकि वे अपने बच्चों को इन तत्वों द्वारा गुमराह करने और ब्रेनवॉश करने की अनुमति देने से बच सकें। यह सच्चाई है जो कश्मीरियों को प्रगति की दिशा में सही रास्ता दिखाएगी। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 1 जुलाई 2019 का पूरा एपिसोड