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Rajat Sharma's Blog: अमित शाह ने कोलकाता में क्यों कहा-बंगाली हिंदुओं को देश से बाहर नहीं किया जाएगा

अमित शाह का इरादा बिल्कुल साफ है और उन्होंने अपने इरादे को साफ-साफ लफ्जों में जाहिर भी किया। उन्होंने साफ संदेश दिया कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो ममता बनर्जी सरकार की अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की नीति खत्म हो जाएगी।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: October 02, 2019 17:44 IST
Rajat Sharma Blog, Amit Shah, Kolkata, Bengali Hindus - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog:Why Amit Shah said in Kolkata, Bengali Hindus will not be deported 

गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कोलकाता में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह साफ कर दिया कि एक भी बंगाली हिंदू को देश से बाहर नहीं किया जाएगा। शाह ने कहा कि सरकार एनआरसी लागू करने से पहले जल्द ही नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) लाएगी। 

शाह ने कहा: 'एनआरसी से पहले सीएबी आएगा इसलिए शरणार्थियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।' सीएबी उन सभी गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता की गारंटी देता है, जो पड़ोसी देशों से भारत आए हैं। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इस बिल को संसद में पास कराने की कोशिश की लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल सकी। 

अमित शाह ने कहा, 'बंगाल की जनता को एनआरसी के बारे में गुमराह किया जा रहा है। मोदी सरकार एक भी शरणार्थी को देश से बाहर नहीं निकालेगी। मैं सभी हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन शरणार्थियों को भरोसा देता हूं कि उन्हें देश छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें भारत की नागरिकता मिलेगी और वे एक भारतीय नागरिक को मिलने वाले सभी अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे।'

गृह मंत्री ने कहा, 'बंगाली हिंदुओं को एनआरसी के नाम पर परेशान किया जा रहा है, और मैं यहां इस कन्फ्यूजन को दूर करने आया हूं। ममता बनर्जी का यह दावा कि हिंदू शरणार्थियों को भी बाहर निकाल दिया जाएगा, बिल्कुल गलत है। किसी भी बंगाली हिंदू शरणार्थी को भारत नहीं छोड़ना पड़ेगा।' 

हालांकि गृह मंत्री ने कहा कि सरकार 'एक भी घुसपैठिए को भारत में नहीं रहने देगी।' अमित शाह का बयान उन हजारों शरणार्थियों जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं, से जुड़ी रिपोर्टों के मद्देनजर है जो बंगाल के सरकारी दफ्तरों के बाहर लाइन में खड़े होकर जन्म प्रमाण पत्र और राशन कार्ड बनवा रहे हैं। अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) से आए शरणार्थियों को एनआरसी ड्राइव के दौरान यह साबित करना होगा कि वे यहां के निवासी हैं। 

अमित शाह ने बंगाली हिंदुओं को आश्वासन दिया कि उन्हें दुर्गा पूजा, राम नवमी, जन्माष्टमी, हनुमान जयंती और अन्य त्योहार मनाने की पूरी आजादी दी जाएगी। हाल के वर्षों में ममता बनर्जी सरकार ने इन त्योहारों में से कुछ पर प्रतिबंध जारी किये थे।

अमित शाह का इरादा बिल्कुल साफ है और उन्होंने अपने इरादे को साफ-साफ लफ्जों में जाहिर भी किया। उन्होंने साफ संदेश दिया कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो ममता बनर्जी सरकार की अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की नीति खत्म हो जाएगी। अमित शाह को भारत के अधिकांश राज्यों में राजनीति की धारा को बदलने का श्रेय जाता है, और उन्होंने बंगाल के हिंदुओं को स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया है: अल्पसंख्यकों का कोई तुष्टिकरण नहीं होगा।

पिछले कई दशकों से मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए बंगाल के अधिकांश राजनीतिक दल सिर्फ मुसलमानों की बात करते रहे और वे तुष्टिकरण की नीति को अपनाते रहे हैं। पश्चिम बंगाल से 18 लोकसभा सीटें जीतकर, अमित शाह ने साबित कर दिया है कि राज्य में अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण के बिना भी चुनाव जीता जा सकता है। यही आज पश्चिम बंगाल में बीजेपी की ताकत बना है। ममता बनर्जी अब चिंतित हैं क्योंकि वह धीरे-धीरे अपने ही राज्य में बंगाली 'भद्रलोक' (मध्यम वर्ग) के हिंदुओं का समर्थन खो रही हैं। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 01 अक्टूबर 2019 का पूरा एपिसोड

 

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