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Rajat Sharma Blog: 17 विपक्षी दल ईवीएम की जगह बैलेट पेपर की मांग क्यों कर रहे हैं ?

ऐसा नहीं है कि ईवीएम से वोटिंग में हमेशा बीजेपी या एनडीए की जीत हुई है। इसी ईवीएम के जरिए कांग्रेस दस साल तक सत्ता में रही, पंजाब विधानसभा का चुनाव कांग्रेस ने जीता

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : August 04, 2018 17:28 IST
Rajat Sharam Blog
Image Source : INDIA TV Rajat Sharam Blog

अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए 17 विपक्षी दलों ने संगठित तौर पर कदम उठाया है। इस पूरी कवायद में दिलचस्प बात ये है कि तमाम तरह की वैचारिक भिन्नताओं के बावजूद इस मुद्दे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), तृणमूल कांग्रेस और वाम मोर्चा, समाजवादी पार्टी और बीएसपी एक साथ हैं। इन दलों की संयुक्त बैठक सोमवार को होगी जिसके बाद संसद में इसपर बहस होगी और एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलेगा। वहीं एआईएडीएमके, बीजू जनता दल (बीजेडी) और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने इस मांग का समर्थन नहीं करने का फैसला लिया है।

ऐसा नहीं है कि ईवीएम से वोटिंग में हमेशा बीजेपी या एनडीए की जीत हुई है। इसी ईवीएम के जरिए कांग्रेस दस साल तक सत्ता में रही, पंजाब विधानसभा का चुनाव कांग्रेस ने जीता, कर्नाटक में कांग्रेस-जेडी (एस) सत्ता में आई और ईवीएम के जरिए ही बीजेपी विरोधी महागठबंधन सत्ता हासिल करने में कामयाब रही। उस समय सबकुछ ठीक था, ईवीएम सही थे। किसी दल ने ईवीएम के मुद्दे को नहीं उठाया। लेकिन जब उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम और मणिपुर में इनकी हार तो इन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।

चूंकि ईवीएम एक मशीन है उसमें खराबी आ सकती है। अगर एक बार कुछ मशीनों में गड़बड़ी पाई गई तो उसका ये मतलब नहीं है कि सारी मशीनें खराब हैं। पिछले साल चुनाव आयोग ने सभी दलों को खुली चुनौती दी थी कि वो इसे हैक करके दिखाएं या यह साबित करके दिखाएं कि इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है। इसके बाद चुनाव आयोग ने सभी दलों के सामने डेमो दिया गया था और यह बताया कि ईवीएम कैसे काम करती है और इससे छेड़छाड़ करना नामुमकिन है। इसके बाद फिर इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

नवीनतम तकनीक के उपयोग के साथ दुनिया 21वीं सदी में तेजी से आगे बढ़ ही है। ऐसे में अगर विरोधी दल ईवीएम को खत्म कर वापस बैलेट पेपर की मांग कर बीसवीं सदी में लौटने की बात करें तो थोड़ा आश्चर्य होता है। (रजत शर्मा)

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