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Rajat Sharma Blog: पश्चिम बंगाल में बीजेपी से क्यों डर रही हैं ममता बनर्जी?

मंगलवार को ममता बनर्जी ने अपने 2 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया और कुछ अन्य मंत्रियों को पहले के मुकाबले ज्यादा रसूखदार विभाग दिए, क्योंकि उन्हें शक है कि कुछ और लोग बीजेपी के पाले में जा सकते हैं।

Edited by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: May 29, 2019 19:32 IST
Rajat Sharma Blog- India TV Hindi
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पश्चिम बंगाल में मंगलवार को तीन घटनाक्रम हुए- एक, तृणमूल कांग्रेस के 2 विधायक और 56 पार्षद दिल्ली में केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए, दो, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने 2 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया जबकि कुछ अन्य को तरक्की दी, और तीन, ममता ने घोषणा की कि वह गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी। ये वही ममता हैं जिन्होंने इसी महीने चुनाव प्रचार के दौरान गुस्से में कहा था कि वह नरेंद्र मोदी को पीएम नहीं मानती हैं। मंगलवार को ममता ने कहा कि उन्होंने अन्य मुख्यमंत्रियों से बात की है, और चूंकि वे प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में जा रहे हैं, इसलिए उन्होंने भी वहां जाने का फैसला किया है।

तृणमूल कांग्रेस के 2 विधायकों और 56 पार्षदों का बीजेपी के साथ आना यह दिखाता है कि बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर सब ठीक नहीं चल रहा है। बीजेपी ने पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की है और इसका विस्तार किया है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस अब अधिकांशत: शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित रह गई है। अगले साल नगर निकाय चुनाव होने हैं और TMC इसके लेकर परेशान है। यदि बीजेपी नगरपालिका चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करती है तो 2021 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इसीलिए स्वाभाविक तौर पर ममता बनर्जी अब डैमेज कंट्रोल में लग गई हैं।

मंगलवार को ममता ने अपने 2 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया और कुछ अन्य मंत्रियों को पहले के मुकाबले ज्यादा रसूखदार विभाग दिए, क्योंकि उन्हें शक है कि कुछ और लोग बीजेपी के पाले में जा सकते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान तृणमूल ने 42 में से 34 संसदीय सीटें जीती थीं। उनकी पार्टी कुल 294 विधानसभा क्षेत्रों में से 258 में बढ़त पर थी। बीजेपी ने तब केवल 2 लोकसभा सीटें जीती थीं और वह 28 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी। इस बार बीजेपी ने 18 लोकसभा सीटें जीती हैं और वह 128 विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही है। इसका मतलब है कि बीजेपी को इस बार सीधे-सीधे 100 सीटों का फायदा हुआ है। यही वजह है कि ममता अब डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई हैं, क्योंकि उनके नेताओं का भागना अभी शुरू ही हुआ है।

सबसे संतोषजनक बात यह है कि गैर-भाजपा शासित राज्यों के सभी 12 मुख्यमंत्रियों को दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है। चूंकि अब चुनाव बीत चुके हैं और मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी पर भी विराम लग गया है, इसलिए शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों का उपस्थित रहना मोदी 2.0 सरकार के लिए एक अच्छा शगुन होगा। संवैधानिक संस्थाओं और संसदीय परंपराओं का उचित सम्मान किया जाना चाहिए। अब यह देखना बाकी है कि प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के कितने मुख्यमंत्री शिरकत करते हैं।

पश्चिम बंगाल से चुनावों के बाद भी हिंसा की खबरें आ रही हैं। ऐसी हिंसक घटनाएं पश्चिम बंगाल को बदनाम करती हैं। हमें उम्मीद है कि राज्य पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। (रजत शर्मा)

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