भारतीय रेलवे की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन, ट्रेन-18 ने बृहस्पतिवार को दिल्ली और आगरा के बीच अपने ट्रायल रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को छूकर एक इतिहास रच दिया है। 100 करोड़ की लागत से तैयार इस ट्रेन का अगला हिस्सा चमकते ब्लू रंग का है और यह ट्रेन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है।
यह ट्रेन वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, टच फ्री बायो टॉयलेट, एलईडी लाइट, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट्स की सुविधा से लैस है, साथ ही इस ट्रेन में यात्रियों की क्षमता तथा मौसम के अनुसार तापमान को कम ज्यादा करने में सक्षम क्लाइमेट कंट्रोल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ट्रेन-18 में 52 सीटों की क्षमता से युक्त दो एग्जक्यूटिव कंपार्टमेंट हैं और बाकी के प्रत्येक कोच में 75 सीटें है। प्रत्येक सीट को ट्रेन की दिशा में मोड़ा जा सकता है। इस ट्रेन का उद्घाटन नई दिल्ली-वाराणसी के बीच होगा। इन दोनों शहरों की बीच की दूरी को यह ट्रेन 8 घंटे में पूरा करेगी। माना जा रहा है कि 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
और अब इस संदर्भ में एक अशोभनीय खबर है। दिल्ली से आगरा के बीच इस ट्रेन के पहले ट्रायल रन के दौरान कुछ उत्पातियों ने पथराव किया। पथराव के चलते एक कोच की खिड़की के शीशे टूट गए। पुलिस अब पथराव करनेवाले उत्पातियों की तलाश कर रही है लेकिन ऐसा लगता है कि यह बेहद कठिन कार्य है।
ऐसे उत्पाती लोग समाज के दुश्मन हैं। शुक्रवार रात हमने अपने शो 'आज की बात' में आपको इस ट्रेन के टूटे हुए शीशे की तस्वीरें दिखाई थीं ताकि दर्शकों को इस शर्मनाक घटना के बारे में बताया जा सके। यह घटना अपने देश के एक वर्ग की मानसिकता को दर्शाती है। जब कभी हम भारतीय विदेश यात्रा करते हैं तो वहां की ट्रेनों को देखकर कहते हैं कि ये ट्रेनें कितनी अच्छी और साफ सुथरी हैं, और जब अपने देश में उसी स्तर की ट्रेन बनाई जाती है तो देश के कुछ लोग उसका ये हाल करते हैं।
मैंने विदेश में कहीं नहीं ऐसा देखा और न सुना कि लोगों ने बेवजह पत्थर मार कर नई ट्रेन को बदरंग और बदसूरत बना दिया हो। ये कोई पहली ऐसी घटना नहीं है। मुंबई महानगरीय ट्रेनों के रूट में भी पथराव की घटनाएं नियमित अंतराल पर होती रहती हैं। हाल में राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस पर भी पथराव की घटनाएं हुईं। कुछ साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर महामना एक्सप्रेस का उद्घाटन किया था। यह ट्रेन भी नवीनतम और आधुनिक सुविधाओं से लैस थी। लेकिन उद्घाटन के एक महीने बाद ही इस ट्रेन से कोई लाइट तोड़ गया, किसी ने हैंडवॉश के लिए रखा गया सोप डिस्पेंसर ही उखाड़ दिया, कोई हेडफोन ले गया तो किसी ने सीट में ब्लेड मार दी।
ऐसी उत्पाती मानसिकता वाले लोगों को पकड़ कर सजा दिलाने की जरूरत है। ऐसे गिने-चुने लोगों की करतूत से पूरे समाज और देश की बदनामी होती है। ऐसे भी लोग होंगे जो यह कह सकते हैं कि क्या हो गया, ट्रेन का एक शीशा ही तो टूटा है। लेकिन ये सिर्फ एक ट्रेन का शीशा नहीं है। ये हमारे देश के उस वर्ग की सोच का आईना है जो अपनी इन करतूतों के जरिए दूसरों को पीड़ा पहुंचाकर खुशी महसूस करते हैं।
यह सोशल मीडिया का जमाना है और ये तस्वीरें और दृश्य पूरी दुनिया में लोग देख रहे हैं। इसे देखनेवाले लोग सोच रहे होंगे कि भारत में क्या ऐसे लोग रहते हैं? इससे पूरे देश की बदनामी होती है। इसीलिए मेरी आपलोगों से अपील है कि इस तरह से उत्पात मचानेवाले लोगों को रोकने के लिए हमें साथ मिलकर आगे आना होगा। सबको मिलकर कोशिश करनी होगी। (रजत शर्मा)
देखें, रजत शर्मा के साथ 'आज की बात' 21 दिसंबर का पूरा एपिसोड