भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण के 500 से ज्यादा नए मामलों को दर्ज किया गया। इसी के साथ देश में COVID-19 मामलों की संख्या बढ़कर 5,865 हो गई है। इस महामारी के चलते हमारे देश में गुरुवार तक 169 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। देश भर में 3 सप्ताह के लॉकडाउन के बावजूद, आंकड़ों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है क्योंकि आमतौर पर लोग अभी भी लॉकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा तबलीगी जमात के लोगों द्वारा फैलाया गया वायरस भी एक कारण तो है ही।
गुरुवार की रात ‘आज की बात’ में इंडिया टीवी ने दिल्ली पुलिस के ड्रोन सर्विलांस वीडियो में दिखाया कि कैसे पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में लड़के सड़कों पर क्रिकेट खेल रहे हैं और फिर पुलिस का सायरन सुनकर अपने घरों के अंदर छिप जा रहे हैं। मुंबई के भांडुप इलाके में लोग सोशल डिस्टैंसिंग के दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए एक बड़ी भीड़ के रूप में फल और सब्जियां खरीदते हुए दिखे। कोलकाता के कोले मार्केट और राजा बाजार और पंजाब के बठिंडा रिफाइनरी सब्जी बाजार में भी कुछ ऐसे ही दृश्य देखने को मिले।
उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा परेशान करने वाली खबर आई। राज्य सरकार द्वारा हॉटस्पॉट घोषित किए गए बागपत और बड़ौत में लग ही नहीं रहा था कि इसके इलाकों को सील किया गया है। गुरुवार को लोग यहां बगैर मास्क लगाए खुलेआम घूमते हुए और बाजारों एवं दुकानों में जाते हुए देखे गए। इन दृश्यों को देखने से यह साफ पता चलता है कि महानगरों के साथ-साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों में लोग अपने घरों में रहकर लॉकडाउन के मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं। ये लोग कोरोना वायरस के प्रसार में मदद कर रहे हैं।
याद रखें, इटली, स्पेन और अमेरिका के लोगों ने पिछले महीने तक कुछ इसी तरह का काम किया था। वे भीड़ में चलते थे, देर रात बार और सभाओं में जाते थे और जमकर सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाते थे। आज ये तीनों देश कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। इन देशों में वायरस से मरने वालों की संख्या लगभग हर दिन बढ़ती ही जा रही है। वहीं, भारत में ज्यादातर लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं और अपने घरों के अंदर ही रह रहे हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर अपवाद भी देखने को मिले हैं जहां लोग अभी भी लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। लॉकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग के दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाने वाले लोग हम सभी के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
इंडिया टीवी ने दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के अंदर मौजूद लबलीगी जमात के सदस्यों का एक्सक्लूसिव वीडियो दिखाया। यह अस्पताल अब COVID-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए समर्पित है। यहां के प्रभारी डॉक्टर ने शिकायत की कि जमात के लोग अपने वॉर्ड के अंदर अभी भी एक साथ बैठकर नमाज अदा कर रहे हैं और वे सोशल डिस्टैंसिंग के मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं। जमातियों से जब पूछा गया कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि नमाज इकट्ठा होकर अदा की जाती है न कि दूर बैठकर।
COVID-19 महामारी से निपटने में सरकार की तैयारियों में कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे रहकर नेतृत्व कर रहे हैं और चौबीसों घंटे युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के साथ मिलकर दिन रात काम कर रही हैं, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पूरे समर्पण के साथ काम कर रहे हैं, पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है और जरूरतमंदों को भोजन मुहैया करा रही है। ऐसे भी पुलिस स्टेशन हैं, जहां महिला पुलिसकर्मी गरीबों के लिए 'रोटियां' बना रही हैं।
99 प्रतिशत भारतीय लॉकडाउन को लागू करने के सरकार के मिशन के साथ हैं। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए समय पर लॉकडाउन लागू करने के लिए अन्य देशों ने भारत की तारीफ की है। हालांकि, भारत में ऐसे लोग हैं जो आज भी लॉकडाउन के दिशा-निर्दशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। लॉकडाउन का पालन करने के लिए अपील करने का वक्त अब खत्म हो गया है। अब लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का वक्त है। (रजत शर्मा)
देखिये, 'आज की बात, रजत शर्मा के साथ', 10 अप्रैल 2020 का पूरा एपिसोड