उत्तर प्रदेश की बागपत जेल में सोमवार की सुबह खतरनाक गैंगस्टर प्रेम प्रकाश सिंह ऊर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसे कुछ घंटे पहले ही कोर्ट में पेशी के लिए झांसी जेल से यहां लाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक मुन्ना बजरंगी को एक अन्य गैंगस्टर सुनील राठी ने गोली मार दी जिसने कथित तौर पर 0.30 बोर की पिस्टल खरीदी थी और उसे सेप्टिक टैंक के अंदर छिपा रखा था।
ये दोनों गैंगस्टर थे और कई संगीन अपराध के आरोपों का सामना कर रहे थे। मुन्ना बजरंगी के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली के 40 मामले दर्ज थे। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 2005 में बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी थी। सुनील राठी पर हत्या, जबरन वसूली और लूटपाट के मामले दर्ज हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक कैदी की जेल के अंदर नृशंस तरीके से हत्या कैसे हो गई? और वह भी हाई सिक्योरिटी बैरक के अंदर। जिस पिस्टल से मुना बजरंगी पर 10 बुलेट दागे गए उसका गायब हो जाना.. लेकिन देर शाम में पिस्टल मिलने की बात सामने आई। यह सब हैरान करने वाली बातें है जो एक सुनियोजित साजिश की तरफ इशारा करती हैं। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि जांच के बाद इन सभी सवालों के जबाव मिलेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश में अबतक पुलिस के फर्जी मुठभेड़ों से बचने के लिए अपराधी जेल को सबसे सुरक्षित समझते थे। लेकिन इस घटना के बाद अपराधियों का ये भ्रम भी टूट गया होगा। यूपी के जेलों की हालत पिछले कुछ सालों में बेहद खराब हो गई हैं। जेलों की हालत में सुधार की कोशिश के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाए जाने की जरूरत है। (रजत शर्मा)