संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के विरोध में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बात पर आपत्ति जताई जा रही है कि फिल्म में राजपूतों को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है। मैं यहां तीन बिंदुओं का उल्लेख करना चाहता हूं।
पहला, दीपिका पादुकोण की मुख्य भूमिका वाली फिल्म पद्मावती का विरोध करनेवाले किसी भी शख्स ने अभी तक पूरी फिल्म नहीं देखी है और इस फिल्म को लेकर ढेर सारी अनावश्यक टिप्पणियां की जा रही हैं।
दूसरी बात यह है कि अगर संजय लीला भंसाली ने पहले ही सबको फिल्म दिखा दी, तो क्या गारंटी है कि ये लोग फिल्म को सिनेमाघर में चलने देंगे।
तीसरा बात, अगर संजय लीला भंसाली कह रहे हैं कि उनकी फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिससे रानी पद्मावती का अपमान हो। इतिहास के साथ उन्होंने कोई छोड़छाड़ नहीं की है। तो फिर विरोध क्यों?
पहले कहा जा रहा था कि रानी पद्मावती का अलाउद्दीन खिलजी के साथ रोमांस सिक्वेन्स नहीं होना चाहिए। संजय लीला भंसाली ने कह दिया कि फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है। इसके बाद कहा जा रहा है कि पद्मावती को डांस करते हुए क्यों दिखाया गया है। अब यह तो प्रोमो में दिख रहा है। संजय लीला भंसाली ने इसका भी जवाब दिया है।
मेरे एक मित्र महावीर सिंह हैं जो कि फिल्मों से जुड़े हैं। उन्होंने यह फिल्म देखी है। महावीर सिंह ने मुझे बताया कि इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिससे राजपूती आन-बान-शान का किसी तरह से अपमान हो। महावीर सिंह ने कहा कि यह फिल्म ऐसी है जिसे देखने के बाद राजपूत भंसाली का सम्मान करेंगे। बेहतर होगा दोनों पक्ष बैठकर बात करें। यह फिल्म इतना बड़ा मसला नहीं है जिसको लेकर देशभर में आंदोलन किया जाए। किसी तरह की हिंसा की बात की जाए। (रजत शर्मा)